Education Minister Chandrashekhar: बिहार शिक्षा मंत्री ने फिर दिया विवादित बयान, बोले- हम एकलव्य की संतान...
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Education Minister Chandrashekhar: बिहार शिक्षा मंत्री ने फिर दिया विवादित बयान, बोले- हम एकलव्य की संतान...

Education Minister Chandrashekhar: जानकारी के मुताबिक, कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री ने विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि 'लोग गरीब और पिछड़े समुदाय के लोगों पर जुल्म ढाते थे. गरीब और पिछड़े के खिलाफ साजिश रचते थे. 

Education Minister Chandrashekhar: बिहार शिक्षा मंत्री ने फिर दिया विवादित बयान, बोले- हम एकलव्य की संतान...

पटनाः Education Minister Chandrashekhar: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए बयान का विवाद अभी थमा नहीं है, उन्होंने इस बार महाभारत के एक पात्र को जोड़कर फिर से विवादित बयान दे दिया है. उन्होंने शु्क्रवार को खुद को एकलव्य की संतान बताया, लेकिन साथ ही यह भी जोड़ दिया कि एकलव्य की संतान अंगूठा देना नहीं जानता, बल्कि जवाब देना जानता है. शिक्षा मंत्री शुक्रवार को जननायक कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मंच से संबोधन के दौरान यह टिप्पणी की है. इस कार्यक्रम का आयोजन राजद ने किया था. 

गरीब और पिछड़ों पर ढाया गया जुल्मः चंद्रशेखर
जानकारी के मुताबिक, कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री ने विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि 'लोग गरीब और पिछड़े समुदाय के लोगों पर जुल्म ढाते थे. गरीब और पिछड़े के खिलाफ साजिश रचते थे. गरीब और वंचितों से हिंदुवाद के नाम पर वोट और चंदा लिए. लेकिन कभी भी गरीबों और पिछड़ों को सम्मान नहीं दिया. आगे उन्होंने कहा कि जिन धर्म ग्रंथों में शुद्र को नीच बताया गया, आज वह शुद्र भी पढ़-लिख गया है.' बिहार के शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हम एकलव्य की संतान है. एकलव्य की संतान अंगूठा देना नहीं, जवाब देना जानता है. आगे उन्होंने कहा कि हम शहीद जगदेश प्रसाद की संतान हैं, कुर्बानी देना नहीं, कुर्बानी लेना जानते हैं. शिक्षा मंत्री जब यह बोल रहे थे तो उस वक्त डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव वहीं मौजूद थे.'

जानकारी के लिए बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बीते दिनों रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था. इसे लेकर बिहार से लेकर केंद्र तक की सियासत गर्मा गई थी. नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री ने रामचरित मानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया था. 

 

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