बिहार में दारोगा बनकर निकली 596 बेटियां, पासिंग आउट परेड में दिखाया शौर्य
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बिहार में दारोगा बनकर निकली 596 बेटियां, पासिंग आउट परेड में दिखाया शौर्य

Bihar News: बिहार पुलिस अकादमी में आज पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. सूबे को आज 1586 दारोगा मिले, जिनमें 596 बेटियां शामिल हैं. 
 

दारोगा बनकर निकली 596 बेटियां

Nalanda: बिहार पुलिस अकादमी (Bihar Police Academy) में आज नारी शक्ति की मिसाल दिखी. बेटियों का शौर्य और पराक्रम दिखा. ऐसी तस्वीरें सामने आईं, जिन्हें देखकर किसी का भी सीना गर्व से चौड़ा हो सकता है. बेटियों पर अभिमान दोगुना हो सकता है. पुलिस अकादमी में आज पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया, जिसमें 1586 कैडेट्स शामिल हुए, जिनमें 596 बेटियां शामिल थीं. 

सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भी इस खास मौके पर मौजूद थे. उन्होंने भव्य परेड की सलामी ली. सीएम ने कहा कि बिहार पुलिस में महिलाओं की जितनी बड़ी भागीदारी है, किसी भी दूसरे राज्य में नहीं है. सीएम ने कहा कि किसी दूसरे राज्य में कितना विज्ञापन छपता है लेकिन हमलोग तो विज्ञापन भी उतना नहीं देते हैं. 

'पुलिस महकमा सबसे अच्छा'
पासिंग आउट परेड में हिस्सा ले रहे कैडेट्स के लिए ये गर्व से भरा पल था. स्नेहा ने कहा, 'ट्रेनिंग लेने के बाद मुझे पता चला कि पुलिस महकमा सबसे अच्छा है. खासकर लड़कियों को पुलिस में आना चाहिए, इससे शारीरिक क्षमता बढ़ती है, मानसिक रूप से मजबूती आती है और बुराइयों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है.' 

पासिंग आउट परेड में कई कैडेट्स ऐसी थीं, जो दूसरे पेशों इंजीनियरिंग, टीचिंग, लॉ की प्रैक्टिस आदि को छोड़कर पुलिस सेवा में आई हैं. बीटेक करने के बाद लैक्चरर रहीं माधुरी अब पुलिस सेवा में आ चुकी हैं. उनका कहना है कि पुलिस की नौकरी अलग रुतबा रखती है, इसलिए मैं इस सेवा में आई. 

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उसने कहा कि इन दिनों साइबर क्राइम बहुत सुनने में आ रहा है, आईटी की जानकारी की वजह से मैं इस तरह के क्राइम से अच्छे तरीके से निपट सकती हूं. इनकम टैक्स की नौकरी छोड़कर पुलिस सेवा में आई पुष्पा ने कहा, 'वह ऑफिशियल जॉब थी, जबकि पुलिस में लोगों से सीधा जुड़ने का मौका है. महिलाओं में जो पुलिस को लेकर झिझक है, वे पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज नहीं करवाती हैं, मुझे उसे भी दूर करना है. लोगों की समस्याओं का भी निदान करना है.'

रोके नहीं रुकेगी नारी शक्ति
पुलिस में शामिल हुईं बेटियों ने अपने हुनर को निखारा है. खुद को तराशा है. पासिंग आउट परेड में शामिल प्रीति पाल को अचूक निशानेबाजी के लिए अवॉर्ड मिला है. पासिंग आउट परेड की तस्वीरें बता रही थी कि बेटियां पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने की ठान चुकी हैं. ये नारी शक्ति है, जो अब रोके भी रुक नहीं सकती है. बेटियों का पराक्रम आज दंग करने वाला दिखा. बिहार पुलिस अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड में महिलाओं की दमदार हिस्सेदारी दिखी. कई हैरतअंगेज कारनामे दिखे. 

महिलाओं के घुड़सवार दस्ते ने पासिंग आउट परेड की शान बढ़ा दी. बेटियों के कठिन लगन और मेहनत से ही यह संभव था. दारोगा बनकर निकलीं बेटियां जितनी उत्साहित दिखीं, उतना ही उत्साह उनके परिवार के लोगों में भी दिखा. कठिन प्रशिक्षण से गुजरने के बाद इन सभी प्रशिक्षुओं को आज के दिन का इंतज़ार था, जो पासिंग परेड के साथ पूरा हुआ, लेकिन माता-पिता की आज यह ताकीद भी है कि आगे अपनी ईमानदारी बरकरार रखना. 

दारोगा बनने तक का सफर इतना आसान नहीं था. हर किसी के संघर्ष की अपनी कहानी है. दारोगा बनने के इस सफर में बेटियों की अपनी जिद और अपना जुनून तो है ही, परिवार के लोगों का भी कदम-कदम पर साथ मिला है. ये सफर जितना भी कठिन हो, पर पूरा हुआ. अब जिम्मेदारी कानून और व्यवस्था को बनाए रखने की है, ईमानदारी के साथ कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने की है.

 (इनपुट-रजनीश/दीपक विश्वकर्मा)

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