Karpoori Thakur: उपराष्ट्रपति ने कहा कि ठाकुर ने सुनिश्चित किया कि शिक्षा उन लोगों के लिए सुलभ हो जो ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर थे. उन्होंने कहा कि ठाकुर ने मैट्रिक (दसवीं कक्षा के) पाठ्यक्रम से अंग्रेजी को अनिवार्य विषय के रूप में हटा दिया. उपराष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े लोगों और दलित वर्ग के लिए आरक्षण की स्थिति तैयार करने में उनके प्रयास महत्वपूर्ण थे.
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Bihar News: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को सामाजिक न्याय का मसीहा बताते हुए शुक्रवार को कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल गरीबों और वंचितों के हित में किया. समाजवादी नेता ठाकुर की 101वीं जयंती के अवसर पर समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम में एक समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय के मसीहा थे. वह हमेशा समानता, बंधुत्व और सभी के लिए न्याय में विश्वास रखते थे. उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल गरीबों और वंचितों के हित में किया.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह (ठाकुर) भारत में सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण के पर्याय थे, जिन्होंने बिहार के राजनीतिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी. ठाकुर को पिछले साल केंद्र सरकार ने मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया था. धनखड़ ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर एक सच्चे राजनेता थे... वह एक अपवाद थे और उन्हें जननायक के रूप में जाना जाता था. उन्हें देश में सामाजिक न्याय के विचार को विकसित करने का श्रेय दिया जाता है. उन्हें भारत रत्न देने का सरकार का फैसला हाशिए पर पड़े लोगों के एक चैंपियन और समानता और सशक्तीकरण के एक दिग्गज के रूप में उनके सतत प्रयासों का प्रमाण है. बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल उल्लेखनीय था.
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने समस्तीपुर में गोखुल कर्पूरी फुलेश्वरी डिग्री कॉलेज परिसर में वृक्षारोपण भी किया. उपराष्ट्रपति ने कर्पूरी ग्राम में स्मृति भवन में कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया. इससे पहले, पटना के जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने धनखड़ का स्वागत किया. इसके बाद वे उपराष्ट्रपति समस्तीपुर के लिए रवाना हो गए.
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इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यहां पहुंचे केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी चौधरी ने गर्मजोशी से स्वागत किया. बिहार में ओबीसी राजनीति के प्रमुख नेता माने जाने वाले कर्पूरी ठाकुर को पिछले साल उनकी जन्म शताब्दी की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के लिए नामित किया गया था. ठाकुर का 1988 में निधन हो गया था. वह पहले गैर-कांग्रेसी समाजवादी नेता थे जो दो बार मुख्यमंत्री बने थे: पहली बार दिसंबर 1970 में सात महीने के लिए और बाद में 1977 में दो साल के लिए. 'जननायक' के नाम से मशहूर ठाकुर भारत रत्न पाने वाले 49वें व्यक्ति हैं.
इनपुट: भाषा
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