Patna News: पटना एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू, पिता ने बेटी तो मां ने बेटे को दिया ऑर्गन
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Patna News: पटना एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू, पिता ने बेटी तो मां ने बेटे को दिया ऑर्गन

Patna AIIMS News: कहा जाता है मां-बाप धरती का पहला भगवान होता है और मां बाप अपने बच्चों के लिए अपने जीवन तक दांव पर लगा देते हैं. कुछ ऐसा ही देखने को मिला है पटना एम्स में, जहां पटना एम्स में पहली बार दो लोगों का सफल किडनी ट्रांसप्लांट हुआ. जहां एक मां ने अपने पुत्र को और एक पिता ने अपनी पुत्री को किडनी दान में देकर अपने बच्चों की जान बचाई है.

Patna News: पटना एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू, पिता ने बेटी तो मां ने बेटे को दिया ऑर्गन

Patna AIIMS News: कहा जाता है मां-बाप धरती का पहला भगवान होता है और मां बाप अपने बच्चों के लिए अपने जीवन तक दांव पर लगा देते हैं. कुछ ऐसा ही देखने को मिला है पटना एम्स में, जहां पटना एम्स में पहली बार दो लोगों का सफल किडनी ट्रांसप्लांट हुआ. जहां एक मां ने अपने पुत्र को और एक पिता ने अपनी पुत्री को किडनी दान में देकर अपने बच्चों की जान बचाई है.

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इसको लेकर पटना एम्स में मीडिया को जानकारी देते हुए पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर सौरव वैष्णव ने बताया कि पटना एम्स में पहली बार 20 जनवरी को सीतामढ़ी के चौदह वर्षीय युवक को उसकी 56 वर्षीय मां ने किडनी दिया. जिसका सफल ऑपरेशन हुआ. वहीं 21 जनवरी को जहानाबाद की मेडिकल की छात्रा का भी सफल किडनी ट्रांसप्लांट हुआ. जिसमें उसके 53 वर्षीय पिता ने किडनी दान में देकर उसकी जान बचाई. पटना एम्स के लिए यह बड़ी उपलब्धि है और आने वाले समय में हर महीने दो किडनी ट्रांसप्लांट किए जाने की योजना है. फिलहाल 6 और मरीज का किडनी ट्रांसप्लांट होना है. जो अगले तीन महीने में किया जाएगा.

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बता दें कि पटना एम्स में हुए दो मरीजों के सफल किडनी ट्रांसप्लांट में दोनों मरीज और उनको दान में किडनी देने वाले माता-पिता भी स्वस्थ हैं. यह जानकारी देते हुए पटना एम्स के अधीक्षक डॉक्टर अनूप ने बताया कि इस सफल ऑपरेशन में 13 सदस्य टीम ने काम किया. इसमें नेफ्रोलॉजी के डॉक्टर अमरीश कृष्णा, यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर कमलेश गुंजन, डॉक्टर बिपिन चंद्र, एनेस्थीसिया के होड उमेश भदानी, डॉक्टर अजीत और डॉक्टर नीरज समेत नर्सिंग स्टाफ शामिल थे. इस टीम को बनाने के लिए पहले पीजीआई चंडीगढ़ में टीम को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया और उसके बाद पीजीआई चंडीगढ़ के यूरोलॉजी डॉक्टर प्रोफेसर दीपेश कन्वर्जी के देखरेख में यह सफल ऑपरेशन किया गया.

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जानकारी के मुताबिक, इस सफल ऑपरेशन में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले नेफ्रोलॉजी के डॉक्टर अमरीश कृष्ण और यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर कमलेश गुंजन ने बताया कि यह ऑपरेशन काफी जटिल होती है. इसके लिए हमें मरीज के ब्लड ग्रुप और दाता के ब्लड ग्रुप से मिलकर किडनी ट्रांसप्लांट किए जाने के हर पहलू को जांच करना होता है. इस ऑपरेशन में काफी वक्त भी लगते हैं, क्योंकि पहले दाता का ऑपरेशन करना होता है और उसके बाद किडनी प्राप्त करने वाले मरीज का ऑपरेशन कर ट्रांसप्लांट किया जाता है. बरहाल पटना एम्स में दो लोगों के सफल किडनी ट्रांसप्लांट से बिहार के लोगों को भी आस जगी है और आने वाले समय में 6 लोग किडनी ट्रांसप्लांट के प्रक्रिया में लगे हुए हैं.

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