भ्रष्टाचार के ऑडियो क्लिप ने फैलाई सनसनी, छात्रों के भविष्य सुधारने का जिनपर जिम्मा वही इसमें लिप्त
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भ्रष्टाचार के ऑडियो क्लिप ने फैलाई सनसनी, छात्रों के भविष्य सुधारने का जिनपर जिम्मा वही इसमें लिप्त

बिहार ही नहीं देशभर में भ्रष्टाचार की जड़ें सरकारी कार्यालयों गहरी तक जमी हुई है. बिहार में भी मुख्यमंत्री से लेकर राज्य के सभी विभाग के अधिकारी और कर्मी भ्रष्टाचार मुक्त बिहार बनाने एवं रिश्वत न लेने की शपथ खाते  हैं

भ्रष्टाचार के ऑडियो क्लिप ने फैलाई सनसनी, छात्रों के भविष्य सुधारने का जिनपर जिम्मा वही इसमें लिप्त

औरंगाबाद : बिहार के सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होती रहती है, आए दिन किसी ना किसी विभाग के अधिकारी और कर्मी एजेंसी के हाथों धरे जाते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई होती है. 

बिहार ही नहीं देशभर में भ्रष्टाचार की जड़ें सरकारी कार्यालयों गहरी तक जमी हुई है. बिहार में भी मुख्यमंत्री से लेकर राज्य के सभी विभाग के अधिकारी और कर्मी भ्रष्टाचार मुक्त बिहार बनाने एवं रिश्वत न लेने की शपथ खाते  हैं. मगर शपथ को भी वहीं छोड़ कुछ अधिकारी और कर्मचारी रिश्वतखोरी का ऐसा खेल खेलते हैं कि इसकी वजह से आम जनता परेशान और त्रस्त हो जाती है. ्
ऐसा ही एक ऑडियो औरंगाबाद में बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है जो एमडीएम के भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है. हालांकि जी मीडिया इस वायरल हो रहे ऑडियो क्लिप की पुष्टि नहीं करता है लेकिन जब इसकी पड़ताल की गई तब पता चला कि यह ऑडियो गोह प्रखंड के महेश परासी से जुड़ा हुआ है. 

जहां के किसी विद्यालय की जांच के दौरान वहां की कमियों को उजागर न करने तथा रिपोर्ट को आगे न बढ़ाकर उसे रोकने के नाम पर रिश्वतखोरी की खुलेआम बात की जा रही है और उसे मैनेज कर लिया जा रहा है. वायरल ऑडियो में शिक्षक और अधिकारी की बात सुनकर ही पता चल जाएगा कि भ्रष्टाचार किस हद तक फैला हुआ है. 

वायरल ऑडियो मध्याह्न भोजन की जांच से जुड़ा हुआ है. ऑडियो में स्पष्ट सुना जा सकता है कि एक अधिकारी जिले के महेश परासी गांव स्थित किसी विद्यालय के एक शिक्षक को यह कह रहे हैं कि क्या करना है, हम रिपोर्ट ऑनलाइन करने जा रहे हैं. इतना सुनने के बाद शिक्षक ने कहा कि रिपोर्ट आगे क्यों बढ़ाना है सर, हम भी इसी समाज से ही जुड़े हुए हैं और हमारा स्कूल भी काफी छोटा है. कुछ बचता नहीं है. कुछ सोच समझ कर बताइए सेवा कर दी जाएगी. क्योंकि प्रखंड से लेकर जिला तक देखना पड़ता है. लंबी चौड़ी भूमिका के बाद किसी तरह जिले में किसी संजय के माध्यम से मध्यस्तता की बात कही जा रही है और जांच करने वाले अधिकारी द्वारा एक दिन के अंदर लेन-देन क्लियर करने का अल्टीमेटम दिया जा रहा है और यह भी कहा जा रहा है कि एक दिन तक हमारे हाथ में यह सब कुछ है.

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