Aaj Ka Panchang: आज शुक्रवार है और आज माता लक्ष्मी का आराध्य दिन है. माता लक्ष्मी धन और वैभव की देवी है. इस जगत में धन की प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना बहुत आवश्यक है.
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पटना: Daily Panchang 14 October: आज का पंचांग आपके लिये शुभ तिथि और मुहूर्त लेकर आया है. आज शुक्रवार है और आज माता लक्ष्मी का आराध्य दिन है. माता लक्ष्मी धन और वैभव की देवी है. इस जगत में धन की प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना बहुत आवश्यक है.
माता लक्ष्मी का आर्शीवाद पाने के लिए नारियल अर्पित करें. इसलिए सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूर्जा अर्चना अवश्य करें. चलिए जानते है आज के पंचांग में क्या खास बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्य-
आज का पंचांग
कार्तिक- कृष्ण पक्ष
पंचमी तिथि - शुक्रवार
नक्षत्र- रोहिणी नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग- व्यातिपात योेग
चन्द्रमा का वृषभ राशि पर संचरण
आज शुभ मुहूर्त -12:15 बजे से 12:55 तक
राहुकाल- 10:46 बजे से 12:11 बजे तक
कार्तिक मास का महीना
कार्तिक का पूरा महीना ही भक्तिमय रहता हैं. इस महीने का हर दिन विशेष दिन है. मनोकामना की पूर्ति का दिन है. साथ ही विशेष पूजा पद्धति का दिन है. कार्तिक महीने मे हिन्दू धर्मावलम्बी विशेष भक्ति भावना में लीन रहते हैं. यह महीना पवित्रता का, आराधना का, साधना का दिन है. भक्ति भावना के लिए हमें मन और तन से पवित्र होना आवश्यक हैं. हिंदू धर्म में हर पूजा की विशेष पद्वति है. जब हम उसके अनुसार पूजा करते है, तो हमारी पूजा सफल होती है. इसलिए कार्तिक महीने में पवित्रता पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
मनोकामना की पूर्ति के लिए करें ये काम
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए सफेद वस्त्र में सात कौंच के बीज तीन काली मिर्च, तीन लौंग और एक साबूत तेजपत्ता को लपेटकर सायंकाल से पहले माता काली को समर्पित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें.
कार्तिक मास में करें मां लक्ष्मी की पूजा
कार्तिक माह के सभी शुक्रवार को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से धन-संपदा की प्राप्ति के साथ दांपत्य जीवन भी खुशहाल होता है. इस जन्म में जो पाप होते हैं, वह सब कार्तिक मास मे दीपदान करने से नष्ट हो जाता है. वहीं जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज नाम जाप करते है. उन पर भगवान विष्णु प्रसन्न रहते है और जो मनुष्य कार्तिक मास मे तुलसी, पीपल या आंवले का वृक्षारोपण करते है. वह पेड़ जब तक प्रथ्वी पर रहते है, लगाने वाला तब तक बैकुंठ मे वास करता है.