बोकारो के इस मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत नहीं, सालों से चली आ रही है परंपरा
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बोकारो के इस मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत नहीं, सालों से चली आ रही है परंपरा

नारी रूप को शक्ति का प्रतीक कहा जाता है.नवरात्रि में मां के इसी रूप की पूजा अर्चना की जा रही है लेकिन बोकारो में ऐसा मंदिर भी है जहां महिलाओं की एंट्री पर ही रोक है.

 

बोकारो के इस मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत नहीं(फाइल फोटो)

Bokaro: पूरे देश में नवरात्रि की धूम है और हर तरफ मां दुर्गा की पूजा आराधना हो रही है. वहीं बोकारो जिले में एक ऐसा मंदिर भी है जहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. इस मंदिर में पहुंच कर पुरुष तो पूजा-अर्चना कर सकते हैं, लेकिन इस मंदिर में महिलाओं की नो-एंट्री है.

मंगल चंडी के मंदिर में प्रवेश वर्जित

बोकारो जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर कसमार प्रखंड में मंगल चंडी मां का मंदिर स्थित है. इस मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की मनाही है. यहां महिलाएं मंदिर से करीब 20 फीट की दूरी पर रहकर ही पूजा कर सकती हैं. निशान के रूप में मंदिर के आसपास बांस का घेरा बांध दिया जाता है.ताकि महिलाओं को दूर से ही इसका अंदाजा लग जाए. ये माना जाता है कि जो भी सच्चे मन से मां की आराधना करता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है.

सालों से परंपरा चली आ रही है

मंदिर के पुजारी और स्थानीय लोग बताते हैं कि ये परंपरा कई सालों से यूं ही चली आ रही है. हालांकि महिलाओं को भी इस पर कोई आपत्ति नहीं है. वो दूर से ही मां की आराधना कर संतुष्ट हैं. वैसे सनातन धर्म में नारी रूप को शक्ति का प्रतीक कहा जाता है,इसी रूप में  मां की आराधना भी होती है. लेकिन कसमार प्रखंड के मंगल चंडी मां के मंदिर में महिलाओं को दूर से ही पूजा अर्चना करनी पड़ती है.

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मंगल चंडी मंदिर में कसमार प्रखंड ही नहीं बल्कि दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. स्थानीय लोगों की मंगल चंडी मंदिर पर इतनी श्रद्धा है कि वो सालों से चली आ रही इस पंरपरा को तोड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं.

(इनपुट: मृत्युंजय मिश्रा) 

 

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