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Jamshedpur: देश के युवाओं में प्रतिभा की कमी नही है. जरूरत है उसे सही मार्गदर्शन की और संसाधन उपलब्ध कराने की. इसी कड़ी में सुदूर गांवों में रहने वाले ग्रामीण बच्चों ने देश की सामरिक मजूबती के लिए तिनका तिनका जोड़कर फाइटर विमान बना डाला है. जिसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में जोर-शोर से हो रही है.
पश्चिम बंगाल के सीमा से सटे झारखंड के अंतिम छोर पर बसे चाकुलिया की खबर है. जहां के बच्चों ने लड़ाकू विमान बना डाला और भविष्य में इसे और डेवलप करके देश को सामरिक रूप से मजबूत करने का सपना देख रहे हैं. झारखंड सरकार द्वारा संचालित स्वामी विवेकानंद आई टी आई कॉलेज चाकुलिया के छात्र व छात्रों ने एक फाइटर प्लेन का निर्माण किया है.
16 दिनों में किया फाइटर प्लेन तैयार
देश की सुरक्षा में लगे सेना के साथ साथ सभी अपने हिस्से का सहयोग देते हैं. छात्रों ने पढ़ाई के साथ साथ देश प्रेम का जज्बा दिखाते हुए सामरिक शक्ति को मजबूत बनाने की सोच के साथ कुछ अनोखा करने का सोचा. झारखंड के अंतिम छोर पर बसे घाटशिला के चाकुलिया स्थित स्वामी विवेकानंद आई टी आई संस्थान में प्रथम ईयर के छात्र-छात्राओं ने विश्व में वार की कोलाहल को देखते हुए अपने भारत देश मे सेना को मदद पहुचाने वाली फाइटर जेट प्लेन का डेमो बना डाला है. जिसे मात्र 16 दिनों की मेहनत से बनाया गया है. जिसमे फिलहाल इंजन नहीं लगाया गया हैं. मगर संस्थान के प्रिंसपल तरुण मोहंती का कहना है कि बच्चों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है बस जरूरत है इन्हें सही समय और उचित सलाह देने की और जरूरत के संसाधन उपलब्ध कराने की. बच्चों द्वारा तैयार किये गए इस फाइटर जेट को भविष्य में सड़क पर चलाने और आसमान में उड़ान भरने की कार्य योजना पर काम किया जाएगा.
50 से 100 फिट की उंचाई से उडाया जाएगा
जिसके लिए क्षमता के अनुसार आगामी दिनों में इसमे इंजन भी लगाया जाएगा और इसे 50 से 100 फिट की उंचाई पर उड़ाया भी जाएगा. जिसे सेना चाहे तो इसे बड़ा रूप दे इस्तमाल भी कर सकती है. जहां इसका अविष्कार करने वाले छात्र बताते हैं कि इसमें मिशाइल एरिया के साथ लाइट सिंगल और टेक-ऑफ के समय निकलने वाली साउंड वाला यंत्र लगाया गया है. जो ग्रुप प्रोजेक्ट बनाने के दौरान छात्रों के देश प्रेम को देखते हुए तैयार किया है, ताकी पाकिस्तान ,चीन जैसे देश हमारे देश का मुकाबला न कर सकें.
जुगाड़ तंत्र से जेट विमान को बनाने वाले छात्र-छात्राओं ने कहा कि सीमित संसाधनों के बल पर हमने अपनी सोच को आगे बढ़ाया है. अगर भविष्य में सहयोग और सहायता मिली तो बड़े क्राफ्ट भी बना सकते हैं जो देश के काम आ सकते हैं.
बच्चों का मानना है कि आज देश लड़ाकू विमान,गोला बारूद और आधुनिक हथियारों के लिए काफी हद तक दूसरे देशों पर निर्भर करता है और उनसे आयात करता है. सभी छात्र चाहते हैं कि इस तरह के इनोवेशन से अपनी जरूरत के विमान और असलहे आदि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के साथ इसे दूसरे देशों को निर्यात भी किया जा सकता है. साथ ही दूसरे देशों की निर्भरता भारत पर बनाई जा सके जिससे देश की अलग पहचान बन सकेगी.