जमशेदपुर में दुर्गा पूजा कमेटी और जिला प्रशासन आमने-सामने, सरकारी गाइडलाइन को लेकर खिंची तलवार
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जमशेदपुर में दुर्गा पूजा कमेटी और जिला प्रशासन आमने-सामने, सरकारी गाइडलाइन को लेकर खिंची तलवार

दुर्गा पूजा को लेकर सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है, उसे लेकर जमशेदपुर दुर्गा पूजा कमेटी और जिला प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं.

जमशेदपुर दुर्गा पूजा कमेटी और जिला प्रशासन में ठनी. (प्रतिकात्मक तस्वीर)

Jamshedpur: जमशेदपुर में दुर्गा पूजा के लिए सरकार की ओर से जारी SOP को लेकर दुर्गा पूजा कमेटी और जिला प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं. दुर्गा पूजा कमेटी जहां गाइडलाइन को सरकार की तानाशाही बता रही है, तो वहीं जिला प्रशासन ने नियमों का पालन ना करने पर कमेटी को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है.

पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा पूरे देश में मशहूर है. जमशेदपुर शहर में भी बंगाल की तर्ज पर ही दुर्गा पूजा मनायी जाती है, लेकिन पिछले साल कोरोना के कारण दुर्गा पूजा कई तरह की पांबदियों के बीच मनायी गयी थी. इस बार भी दुर्गा पूजा को लेकर सरकार ने गाइडलाइन जारी कर रखी है, जिसे लेकर दुर्गा पूजा कमेटी और जिला प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं. दरअसल, सोनारी में दुर्गा मां की प्रतिमा 26 फीट की बनायी गयी है. जिसका काम रुकवाने के लिए जिला प्रशासन सोनारी पहुंची, जिसके बाद विवाद बढ़ गया. पूजा कमेटी के लोगों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जतायी और कहा की मूर्ति 3 महीने से बन रही है और सरकार की ओर से गाइडलाइन अब जारी की गयी है.

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दरअसल, दुर्गा पूजा को लेकर सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत - 

  • दुर्गा पूजा छोटे पंडालों/मंडपों में ही की जा सकती है
  • पूजा पंडाल के निर्माण की अनुमति कंटेनमेंट जोन के बाहर है
  • पूजा पंडाल/मंडप के चारों तरफ बैरिकेडिंग होगी 
  • पंडाल के निर्माण के लिए किसी भी मार्ग को अवरुद्ध नहीं किया जाएगा
  • भक्त पंडाल में प्रवेश किए बिना बैरिकेड के बाहर दूर से ही दर्शन कर सकते हैं
  • 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति पंडाल में उपस्थित नहीं होंगे
  • पूजा पंडाल/मंडप के आसपास के क्षेत्र में लाइटिंग से सजावट नहीं होगी
  • मूर्ति के स्थान को छोड़कर बाकी पूजा पंडाल/मंडप खुले रहेंगे
  • मूर्ति का आकार 5 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए
  • मंत्र/पाठ/आरती के प्रसारण के लिए सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के उपयोग की अनुमति है
  • कोई मेला आयोजित नहीं किया जाएगा
  • मनोरंजन / सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा
  • सार्वजनिक स्थान पर गरबा/डांडिया कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा
  • सामुदायिक भोज/प्रसाद या भोग वितरण समारोह नहीं किया जाएगा
  • प्रसाद की होम डिलीवरी पर कोई रोक नहीं है  
  • पंडाल/मंडप में और उसके आसपास फूड स्टॉल नहीं होगा
  • पंडाल/मंडप में मौजूद आयोजकों, पुजारियों और सहयोगी स्टाफ समेत, किसी भी समय, 25 से अधिक व्यक्ति नहीं होंगे
  • कोई विसर्जन जुलूस नहीं होगा
  • मूर्तियों का विसर्जन जिला प्रशासन के अनुमोदित स्थान पर किया जाएगा
  • रावण का पुतला सार्वजनिक स्थान पर नहीं जलाया जाएगा
  • सार्वजनिक स्थानों पर फेस कवर/मास्क पहनना अनिवार्य 
  • नियमों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी

वहीं जमशेदपुर दुर्गा पूजा कमेटी ने सरकार पर तानाशाही करने का आरोप लगाया है. कमेटी के मुताबिक जारी की गयी गाइडलाइन में कुछ ऐसे निर्देश हैं, जिसे पूरा करना मुमकिन नहीं है. कमेटी ने सरकार से गाइडलाइन की त्रुटियों को दूर करने या उसे वापस लेने की मांग की है. जमशेदपुर दुर्गा पूजा कमेटी के अध्यक्ष चंद्रगुप्त सिंह ने कहा की गाइडलाइन में कई दिक्कतें हैं, इससे हिंदू धर्म की आस्था पर चोट लगेगी, लिहाजा इसे वापस लिया जाए, नहीं तो हम जेल जाने के लिए तैयार हैं.

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वहीं जमशेदपुर के सांसद विद्युतवरण महतो ने भी गाइडलाइन की खामियों को दूर करने की सरकार से अपील की है. विद्युत वरण महतो ने कहा की सरकार को गाइडलाइन की खामियों को दूर करना चाहिए और सालों से चली आ रही परंपरा को बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, नहीं तो इसका आम लोगों के साथ बीजेपी भी विरोध करेगी.

इस बीच जिला प्रशासन ने पूजा कमेटी को सरकार के गाइडलाइन पालन करवाने को लेकर सख्त चेतावनी दी है. उपायुक्त सूरज कुमार ने साफ कर दिया है की गाइडलाइन का पालन नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

बता दें की जमशेदपुर में हर साल दुर्गा पूजा के मौके पर शहर में लगभग 350 पूजा पंडाल बनाए जाते हैं. लाखों-करोड़ों खर्च कर बनाए गए पूजा पंडाल लोगों के बीच आकर्षण के केंद्र होते हैं, लेकिन इस बार सब कुछ सूना-सूना है, हालांकि कोरोना के खतरे को देखते हुए नियमों का पालन भी जरुरी है. ऐसे में जिला प्रशासन और पूजा कमेटी को बीच का रास्ता निकालना होगा.

(इनपुट: आशीष कुमार तिवारी)

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