Religion conversion: खूंटी में 12 आदिवासी नाबालिगों का धर्म परिवर्तन, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने भेजा नोटिस
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Religion conversion: खूंटी में 12 आदिवासी नाबालिगों का धर्म परिवर्तन, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने भेजा नोटिस

Khunti: खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के कमड़ा सिरका टोली के 12 आदिवासी नाबालिग बच्चों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया. इस मामले को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लेते हुए खूंटी उपायुक्त शशि रंजन और पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेजा है. 

 

(फाइल फोटो)

Khunti: खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड से एक मामला सामने आया है. जहां पर कमड़ा सिरका टोली के 12 आदिवासी नाबालिग बच्चों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया है. इस मामले को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लेते हुए खूंटी उपायुक्त शशि रंजन और पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेजा है. राष्ट्रिय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने डीसी और एसपी को इस मामले की जानकारी दी. 

12 नाबालिग बच्चों का किया धर्मांतरण
खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के कमड़ा सिरका टोली के 12 आदिवासी नाबालिग बच्चों के धर्मांतरण के मामले को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है, और इस मामले में खूँटी उपायुक्त शशि रंजन और पुलिस अधीक्षक अमन कुमार को नोटिस भेजा है. राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने डीसी और एसपी को सोमवार को नोटिस भेजा है. जिसमें कहा गया है कि 12 नाबालिग बच्चों का अवैध रूप से धर्म परिवर्तन करवाया गया है. साथ ही रिपोर्ट के माध्यम से यह भी सूचित किया गया है कि इस प्रकार से धर्म परिवर्तन गांव में पिछले काफी समय से चल रहा है. जिस पर स्थानीय सरकार के द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. 

पादरी के खिलाफ मामला दर्ज
राष्ट्रीय बाल संरक्षण के द्वारा शिकायत पर तपकरा थाना में धर्मांतरण के इस मामले में तोरपा आरसी चर्च के पादरी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. जिसमें पादरी ने उपायुक्त को बिना सूचना और लिखित जानकारी नहीं दिए जाने के जुर्म में केस दर्ज किया गया है. कानून के मुताबिक इस मामले में एक साल की सजा दी जाएगी. वहीं, आयोग के अध्यक्ष ने कहा है कि इस प्रकार के मामलों पर जांच शुरू की जाएगी और साथ ही उक्त शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध भी किया. उनका कहना है कि उक्त प्रावधानों का उल्लंघन प्रकृति में संज्ञेय है. साथ ही उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि इस पत्र की प्राप्ति के तीन दिनों के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत की जाए. 

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