जहानाबाद के इस गांव में नहीं हो रही युवाओं की शादी, कारण जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान
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जहानाबाद के इस गांव में नहीं हो रही युवाओं की शादी, कारण जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

आजादी के इतने वर्ष बाद भी किसी गांव की ऐसी स्थिति सुनने में अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन काको प्रखंड क्षेत्र के कोसियावां गांव की यही तल्ख हकीकत है.

 गांव में रहने वाले युवाओं की शादी नहीं हो पा रही है.

जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद जिले के एक गांव से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां नहर पर पुल नहीं होने के कारण गांव में रहने वाले युवाओं की शादी नहीं हो पा रही है. साथ ही यदि किसी की तबियत खराब हो जाए तो खाट के सहारे पानी भरा रास्तों पर पैदल चलकर हॉस्पिटल पहुंचते हैं. आजादी के इतने वर्ष बाद भी किसी गांव की ऐसी स्थिति सुनने में अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन काको प्रखंड क्षेत्र के कोसियावां गांव की यही तल्ख हकीकत है.

दरअसल, काको प्रखंड क्षेत्र के कोसियावां, सिकड़िया और खगड़िया गांव में जाने के लिए बीच रास्ते मे एक कडरुआ नाला है. कई दशकों के बाद भी यहां नाले पर पुल नहीं बना है. लगभग साढ़े चार हजार आबादी वाले इस गांव के लोग बताते हैं कि तीन पीढ़ियों से किसी ने इस नाले पर पुल देखा ही नहीं. गांव के लोग इस नाले को पार करने के लिए पानी से होकर गुजरना पड़ता है. इस गांव में पुल नहीं होने के कारण यहां के युवकों की शादी में दिक्कत आती है. 

बता दें कि, आज भी कई ऐसे युवक है, जिनकी शादी पुल के अभाव के कारण नहीं हो सकी. कोई भी लड़की इस गांव में लड़के से शादी नहीं करना चाहती. रिश्ते के लिए लोग पानी मे चलकर जरूर इस गांव में पहुंच जाते हैं, लेकिन स्थिति देख उसी रफ्तार से वापस भी हो जाते हैं. अगर किसी की तबीयत खराब हो जाए चाहे वह गर्भवती महिला हो, गंभीर मरीज हो या बुजुर्ग उसे अस्पताल तक पहुंचाने के लिए खाट का सहारा लेना पड़ता है. उसे चार लोग अपने कंधों पर रख कर पानी भरे नहर से होकर अस्पताल पहुंचाते है. दरवाजे तक चार पहिया की बात तो दूर, दो पहिया वाहन भी नहीं पहुंच पाता है.

ग्रामीणों ने बताया कि जो लोग भी रिश्ते के लिए आते है तो गांव का रास्ता देखकर भड़क जाते है और यह कह कर चले जाते है कि इस गांव में अपनी बेटी की शादी करा कर अपनी बेटी के जीवन बर्बाद नहीं करनी है. इसलिए इस गांव के लोग पलायन करने के लिए मजबूर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि यह हालत साल में लगभग 8 महीनों तक रहता है. कई बार पुल पार करने के दौरान हादसे भी हो गए है. यहां के ग्रामीण जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों से गुहार लगाते लगाते थक चुके हैं. लेकिन पुल का निर्माण नहीं हो सका. जिससे ग्रामीण काफी चिंतित हैं. 

बता दें कि, ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग विकास से कोसों दूर नजर आ रहे हैं. जबकि इस क्षेत्र से मंत्री भी रह चुके हैं लेकिन मंत्री और विधायक आज तक पर इन पुल का निर्माण नहीं करा सके. ग्रामवासी जनप्रतिनिधियों को कोसते हुए कहते हैं की वोट की बात आती है तो जनप्रतिनिधि जनता को झांसा देकर वोट ले लेते हैं. वोट लेने के बाद वे दूर-दूर तक नजर नहीं आते हैं. बहरहाल, सवाल यह उठता है कि शासन प्रशासन की आंखे कब खुलेगी और ग्रामीणो की समस्या का अंत कब होगा ?

(इनपुट-मुकेश कुमार)

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