आदमपुर गांव के एक बुजुर्ग ब्राह्मण राजेन्द्र तिवारी कुछ साल पहले बैंक से कर्ज लिए थे, लेकिन वह कर्ज लौटा नही रहे थे. जिसके बाद बैंक द्वारा बार-बार नोटिस भेजा जा रहा था और आज नोटिस के जरिये राष्ट्रीय लोक अदालत में शामिल होने का निर्देश दिया गया था.
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जहानाबाद : जहानाबाद व्यवहार न्यायालय में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में डिस्ट्रिक जज की दरियादिली देखने को मिला. जिला जज राकेश कुमार सिंह ने कोर्ट में लगाए गए राष्ट्रीय लोक अदालत में कुछ ऐसा किया कि लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया.
दरअसल, सदर प्रखंड क्षेत्र के आदमपुर गांव के एक बुजुर्ग ब्राह्मण राजेन्द्र तिवारी कुछ साल पहले बैंक से कर्ज लिए थे, लेकिन वह कर्ज लौटा नही रहे थे. जिसके बाद बैंक द्वारा बार-बार नोटिस भेजा जा रहा था और आज नोटिस के जरिये राष्ट्रीय लोक अदालत में शामिल होने का निर्देश दिया गया था. शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में बुजुर्ग जैसे ही ऋण समझौता के लिए पहुंचा तो बैंक द्वारा उसे 18 हजार की डिमांड किया गया. बुजुर्ग ने कहा कि मैं बेटी के शादी के बाद काफी कर्ज में डूबा हुआ हूं. इसलिए मेरे पास मात्र पांच हजार रुपये ही है और यह कह कर बुजुर्ग ब्राह्मण फफक-फफक कर रो पड़ा. जिसके बाद साथ आए एक युवक उन्हें तीन हजार दिए. इधर जैसे ही जिला जज राकेश कुमार सिंह ने इस बात को सुनें तो उनको इस बुजुर्ग ब्राह्मण को देखकर दया आ गई और उन्होंने अपने पैकेट से दस हजार रुपये बुजुर्ग ब्राह्मण को दे दिया.
कोर्ट में बना गया चर्चा का विषय
इस बात की चर्चा लोगों को लगी पूरे न्यायालय परिसर में जज साहब की प्रशंसा होनी शुरू हो गई. बुजुर्ग ब्राह्मण ने बताया कि बैंक के 18 हजार रुपये कर्ज थे, लेकिन उसके पास मात्र पांच हजार रुपये ही थे. साथ में आए एक युवक ने उन्हें 3 हजार रुपये दिए जिसके बाद जिला जज ने उन्हें 10 हजार नगद देकर बैंक का कर्जा मुक्त कराया. इसके लिए जिला जज का आभार व्यक्त किया. बताते चले कि न्यायपालिका लोगों को न्याय दिलाने के लिए जाना जाता है, लेकिन जिस तरह से जज साहब ने दरिया दिल दिखाया है जो चर्चा का विषय बना हुआ है.
इनपुट - मुकेश कुमार
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