गया में प्रभावती अस्पताल के शिशु वार्ड में लगी आग, भर्ती सातों बच्चों को सुरक्षित निकाला
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गया में प्रभावती अस्पताल के शिशु वार्ड में लगी आग, भर्ती सातों बच्चों को सुरक्षित निकाला

 जिले के प्रभावती अस्पताल के शिशु वार्ड के एसएनसीयू में अचानक आग लगने की घटना पर हड़कंप मचा गया. पूरे अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया. 

गया में प्रभावती अस्पताल के शिशु वार्ड में लगी आग, भर्ती सातों बच्चों को सुरक्षित निकाला

गयाः गया जिले के एक मात्र प्रभावती अस्पताल में आग लगने की घटना सामने आई है. आग शिशु वार्ड में लगी, जिससे वहां भर्ती बच्चों के परिजनों में अफरा-तफरी मच गई. अस्पताल में हर दिन जिले के विभिन्न क्षेत्रों के लोग अपने बच्चों के इलाज के लिए आते-जाते हैं. अस्पताल के रखरखाव में अस्पताल प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है. हालांकि आग लगने के बाद कर्मियों ने तत्परता दिखायी और अग्निशमन यंत्र से आग पर काबू पा लिया. दौरान सूचना मिलते ही अग्निशमन वाहन भी अस्पताल पहुंच गया. प्रभावती अस्पताल की ओर से बताया गया कि एसएनसीयू में एसी के सॉकेट के पास शॉर्ट सर्किट होने के कारण आग लग गयी, लेकिन कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया. वहीं घटना की सूचना मिलते ही सिविल सर्जन डॉ. रंजन कुमार सिंह प्रभावती अस्पताल पहुंचे और मुआयना किया.

टल गया बड़ा हादसा
जानकारी के मुताबिक, जिले के प्रभावती अस्पताल के शिशु वार्ड के एसएनसीयू में अचानक आग लगने की घटना पर हड़कंप मचा गया. पूरे अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया. आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई, लेकिन जब तक अग्निशमन का दल आता तब तक अस्पताल के कर्मियों के द्वारा फायर सेफ्टी यंत्र से आग पर काबू पा लिया गया और एक बड़ी दुर्घटना टल गई. एसएनसीयू वार्ड में 7 नवजात शिशु भर्ती थे. जिसके बाद वार्ड से सभी नवजात शिशुओं को सकुशल बाहर निकाला गया.

अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल में कराया भर्ती
आनन-फानन में सभी को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल भेजा गया,  जहां उनका इलाज किया जा रहा है. वहीं अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि हमें सूचना मिली थी आग लगने की. वार्ड में 7 नवजात शिशु भर्ती थे, जिसमें से एक बच्चे की हालत गंभीर है बाकी सभी बच्चे स्वस्थ हैं. आग लगने से पूरे वार्ड में उसके अवशेष बिखरे हुए हैं इसलिए सभी बच्चों को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया है. इसके अलावा मामले की जांच भी की जा रही है, ताकि ऐसी लापरवाही दोबारा न हो सके.

 

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