पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद सही तरीके से मरम्मत न होने के कारण इसके धाराशायी होने का खतरा बराबर बना है. बड़की चिदरी और चतरोचट्टी मुख्य सड़क पर केकैया नदी पर बना पुल सालों पुराना जर्जर हालत में है. इस पुल की रेलिंग टूट चुकी है, सड़क भी गड्ढेदार हो गई है.
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बोकारो : बोकारो के गोमिया प्रखंड के चतरो चट्टी में पुल के जर्जर होने का मामला सामने आया है. क्षतिग्रस्त पुल पर रोजाना सैकड़ों भारी वाहन, सवारी गाड़ियां भी गुजरती है. गोमिया प्रखण्ड के सात पंचायत हुरलुंग, बड़की सिधाबारा, बड़की चिदरी, चतरोचट्टी, करीखुर्द, लोधी तथा चुट्टे को जोड़ने वाला लाइफ लाइन केकैया नदी पर बना पुल पूरी तरह जर्जर हो चुका है, इनसे रोज बड़ी संख्या में भारी वाहन और आम लोग अपनी जान जोखिम में डालकर गुजरते हैं. इस बारे में प्रशासन की खामोशी से लगता है कि किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है.
सैकड़ों गांव में आने जाने के लिए एकमात्र रास्ता
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद सही तरीके से मरम्मत न होने के कारण इसके धाराशायी होने का खतरा बराबर बना है. बड़की चिदरी और चतरोचट्टी मुख्य सड़क पर केकैया नदी पर बना पुल सालों पुराना जर्जर हालत में है. इस पुल की रेलिंग टूट चुकी है, सड़क भी गड्ढेदार हो गई है. बारिश के समय कई बार इस पुल की आधी ऊंचाई तक पानी आ जाता है. सैकड़ों गांवों में आने जाने के लिए यहीं एकमात्र रास्ता है, जिसकी वजह से लगातार इस पुल पर वाहनों का लोड बना रहता है. जिम्मेदार लोग इसे अनदेखा कर रहे हैं. समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
भारी वाहनों के गुजरते समय पुल में होती है कंपन
जानकारी के अनुसार स्कूली बच्चों का आवागमन इसी मार्ग से होता है. लोग जान हथेली पर रखकर गुजरते हैं. कब कोई बड़ा हादसा हो जाए कहा नहीं जा सकता है. छात्राओं का कहना है कि भारी वाहन पार होने के दौरान पुल में कंपन होने लगती जिससे की डर के कारण रुकना पड़ता है. पीडीएस डीलरों को आवंटित खाद्यान्न वाहन भी इसी पुल से होकर गुजरते है, अगर समय पर विकल्प तैयार नहीं किया गया तो लोग खाद्यान्न के मोहताज हो जायेंगे. सैकड़ों छात्र-छात्राएं स्कूलों व ट्यूशन पढ़ने के लिए गुजरते है.
अंतिम सांसें गिन रहा पुल
बताया कि जब भी कोई बड़ी अथवा भारी वाहन पुल के ऊपर से गुजरता है तो पुल कांप उठता है. ऐसे में लोगों की जान पर बन आती है. कोई बड़ी दुर्घटना घटित न हो जाए इससे पहले सरकार को इस पुल का निर्माण करवा देना चाहिए. पूर्व में कई बार स्थानीय लोग हस्ताक्षरित पत्र देकर पुल निर्माण की मांग कर चुके हैं. इसके बावजूद भी पुल की किसी ने सुध नहीं ली है. देखरेख के आभाव में यह पुल अंतिम सांसें गिन रहा है. पुल के अंदर पिलरों में जगह-जगह बड़ी दरारें दिखाई देने लगी हैं. पुल के उपर बने दर्जनों गड्ढों में बरसात पानी भरा रहता है.
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