Pollution in Begusarai: बिहार के कई शहर प्रदूषण के खतरे को झेल रहे हैं. जिनमें एक शहर बेगूसराय भी शामिल है. जहां का प्रदूषण लेवल वर्तमान में 352 को पार कर रहा है. प्रदूषण का यह लेवल कहीं न कहीं बेगूसराय के लोगों के लिए बेहद ही खतरनाक है.
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बेगूसरायः Pollution in Begusarai: बिहार के कई शहर प्रदूषण के खतरे को झेल रहे हैं. जिनमें एक शहर बेगूसराय भी शामिल है. जहां का प्रदूषण लेवल वर्तमान में 352 को पार कर रहा है. प्रदूषण का यह लेवल कहीं न कहीं बेगूसराय के लोगों के लिए बेहद ही खतरनाक है. जिसका प्रभाव आम लोगों की जिंदगी पर अब दिखने लगा है. एक व्यक्ति ने बताया कि जहरीली हवा के कारण मास्क लगाना उनकी लाचारी हो गई है. प्रदुषण के कारण उनको श्वास लेने और दूसरी बीमारियों से जूझना पड़ रहा है.
लोगों की जिंदगी पर मंडरा रहा खतरा
प्रदूषण शब्द को कुछ भागों में परिभाषित करना कठिन है. एयर प्रदूषण की वजह से कई खतरनाक बीमारी जन्म ले रही है. एयर पॉल्यूशन के कारण हवा में घुले कण सांस लेने के दौरान हमारे फेफड़ों तक पहुंच रही है. जिससे लंबे समय तक अन्य तत्वों के संपर्क में रहने से लंस कैंसर ही नहीं बल्कि सभी तरह के कैंसर का खतरा बना रहता है. वहीं अस्थमा और लंस संबंधी बीमारियों से लोग जूझ रहे है. जिससे लोगों की जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा है.
बेगूसराय में अधिक प्रदूषण की वजह कार्बन फैक्ट्रियां
स्थानीय लोग बताते हैं कि बेगूसराय में सबसे अधिक प्रदूषण की वजह कार्बन फैक्ट्रियां हैं, जो प्रखर, देवना जेमरा, मौशदपुर सहित कई जगह पर स्थित है. इन फैक्ट्रियों के अगल-बगल के जितने भी गांव हैं. वह सबसे ज्यादा इसे प्रदूषित है. प्रदूषण की वजह से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. लोग बताते हैं कि इस गावों में रहने वाले सबसे ज्यादा लोगों को सांस लेने और फेफड़े से संबंधित बीमारी हो रही है. लोगों का दावा है कि इन इलाकों के लोगों के घरों पर जाएं तो उनकी छतों पर आपको 1 से 2 इंच तक कार्बन की डस्ट जमा मिल जाएगी. लोगों ने सख्त लहजे में कहा कि यहां के लोग सिर्फ विष पी रहे हैं.
स्थानीय लोग बताते हैं कि प्रदूषण के नियंत्रण के लिए कुछ किया जाना चाहिए, नहीं तो आने वाले दिनों में आम जनजीवन ही नहीं वनस्पति और जीव जंतु भी इससे प्रभावित होंगे. लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री की योजना हो चाहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जल जीवन हरियाली योजना हो इसे सार्थक रूप से जमीन पर उतारना चाहिए. तभी प्रदूषण से मुक्ति मिल पाएगी.
इनपुट- जितेंद्र कुमार
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