बिहार में धर्म परिवर्तन को लेकर बने कानून- गिरिराज सिंह
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बिहार में धर्म परिवर्तन को लेकर बने कानून- गिरिराज सिंह

बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर बिहार में धर्म परिवर्तन को लेकर कानून बनाने की बात कही है. दरअसल बिहार के मंत्री आलोक मेहता ने कहा था कि स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने में कोई गलती नहीं है.

(फाइल फोटो)

बेगूसराय : बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर बिहार में धर्म परिवर्तन को लेकर कानून बनाने की बात कही है. दरअसल बिहार के मंत्री आलोक मेहता ने कहा था कि स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने में कोई गलती नहीं है. इस पर गिरिराज सिंह ने जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि प्रलोभन देकर के बिहार में धर्म परिवर्तन का काम जोरों से चल रहा है. 

उन्होंने कहा कि मैं तो चुनौती देता हूं कोई जिला इससे वंचित नहीं है. इसलिए मंत्री होकर ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करें. धर्म परिवर्तन के लिए कानून होनी चाहिए बहुसंख्यक हिंदुओं पर प्रहार है. एक तरफ से कट्टरवादी मुसलमानों का प्रहार हो रहा है. मुझे मुस्लिम आबादी से संकट नहीं है लेकिन कट्टरपंथी सोच मुसलमानों में है जो गजवा ए हिंद लाना चाहते हैं, जो लव जिहाद के समर्थक हैं. जो भारत को इस्लामिक स्टेट बनना चाहते हैं. उन से परहेज है उनका विरोध है. मैं मंत्री आलोक मेहता से कहूंगा कि सत्ता आएगी जाएगी लेकिन भारत और बिहार में जब तक बहुसंख्यक की आबादी है तभी तक सामाजिक समरसता भी है और लोकतंत्र भी मजबूत है. नहीं तो कमजोर हो जाएगा. उनको केवल वोट देखना है वोट देखें. हमें तो भारत के तमाम लोगों के साथ वही व्यवहार करना है जो बहुसंख्यक के साथ और अल्पसंख्यक के साथ समान रूप से हो, मेरे लिए दोनों बराबर हैं. बहुसंख्याओं के हित पर प्रहार होगा तो बोलने से गुरेज नहीं करेंगे.

केजरीवाल और राहुल गांधी पर भी गिरिराज सिंह ने साधा निशाना 
गिरिराज सिंह ने एक बार फिर अरविंद केजरीवाल के हिंदू हूं, हिंदूत्व नहीं और राहुल गांधी के साधु संतों की स्थिति कमजोर होने के बयान पर जोरदार हमला बोला है. गिरिराज सिंह ने कहा कि देश में एक अलग परिभाषा चल रही है. केजरीवाल नानी को कहते थे नानी मस्जिद पर मंदिर बना है. नानी मेरी कहती थी राम काल्पनिक है,आज राम उनको अयोध्या उनको सही लग रहा है और गुजरात के लोगों को कह रहे हैं मैं आपको चारों धाम और अयोध्या का दर्शन कराऊंगा. केजरीवाल तो आज उन राजनेताओं में से आ गए हैं जिनकी चर्चा करना भी बेकार है‌. अन्ना हजारे के सामने बेटे का शपथ लेकर कहा था राजनीति में नहीं आऊंगा लेकिन इनका क्या ठिकाना है. यही हिंदू और हिंदुत्व है कि दिल्ली के अंदर जो मदरसों के इमाम को तनख्वाह देते हैं लाखों रुपया और हिंदू के मंदिरों के पुजारियों को नहीं देते हैं. यह कौन सा सेकुलरिज्म है.

गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के मुंह से तपस्वी की परिभाषा सुनकर खुशी होती है. मगर इनका क्या है वह तो बताएं. भारत ऋषि मुनियों का देश रहा है. नरेंद्र मोदी तो सनातन को ऊंचाई पर ले जाने के लिए काम कर रहे हैं. मैं तो तपस्वी को ही पूजता हूं मेरे संस्कार और संस्कृति में है लेकिन वह क्या बोलते हैं वह साफ करें. 
(रिपोर्ट- राजीव कुमार)

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