Darbhanga News: संस्कृत विश्वविद्यालय की आमदनी भी 2 अरब, घाटा भी 2 अरब, करीब 4.81 अरब का बजट पास
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Darbhanga News: संस्कृत विश्वविद्यालय की आमदनी भी 2 अरब, घाटा भी 2 अरब, करीब 4.81 अरब का बजट पास

Darbhanga News: राज्यपाल राजेन्द्र अर्लेकर ने संस्कृत भाषा के विलुप्त होने पर न सिर्फ चिंता जताई बल्कि संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार और उत्थान के लिए कई उपाय भी बताए. इन सब में उन्होंने महत्वपूर्ण बातें यह कहा कि विश्वविद्यालय अपने सभी काम काजों में संस्कृत भाषा का प्रयोग करें.

राजेन्द्र अर्लेकर, राज्यपाल

Darbhanga News: बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र अर्लेकर दो दिवसीय दौरे पर 12 मार्च, 2024 को दरभंगा पहुंच. भारी सुरक्षा और पुलिस व्यवस्था के बीच महामहिम संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल पहुंचे. जहां सीनेट की बैठक में उन्होंने हिस्सा लिया. विश्वविद्यालय पहुंचते ही उनका स्वागत मंत्रो उच्चारण के साथ वैदिक परम्परा के अनुसार किया गया. कुलाधिपति का स्वागत नगर विधायक संजय सरावगी और कुलपति, कुलसचिव ने किया. कार्यक्रम के दौरान वर्ष 2024-25 के आय-व्यय के प्रस्ताव को प्रतिकुलपति प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह ने सदन के पटल पर रखा गया.

सीनेट की 47वीं बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल चार अरब 80 करोड़ 71 लाख 12 हजार 188 रुपये के घाटे का बजट स्वीकृत कर किया गया.
खास बात यह है कि विश्वविद्यालय की आमदनी तकरीबन दो अरब की है यानी दो अरब से ज्यादा का घाटे का यह बजट रहा.

सीनेट बैठक के दौरान अपने संबोधन भाषण में राज्यपाल राजेन्द्र अर्लेकर ने संस्कृत भाषा के विलुप्त होने पर न सिर्फ चिंता जताई बल्कि संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार और उत्थान के लिए कई उपाय भी बताए. इन सब में उन्होंने महत्वपूर्ण बातें यह कहा कि विश्वविद्यालय अपने सभी काम काजों में संस्कृत भाषा का प्रयोग करें ताकि आने वाले समय में यहां सभी जगहों पर न सिर्फ बोलचाल की भाषा संस्कृत में दिखने लगेगी बल्कि यहां सभी तरह के लिखित कामकाज भी संस्कृत में खुद ब खुद हो जाएगी.

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कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति लक्ष्मी निवास पांडे ने बताया कि चार अरब से ज्यादा का बजट पेश किया गया. इस बजट में विश्वविद्यालय की आय मात्र दो अरब के आसपास ही है. बाकी घाटे का ही बजट पास किया गया है. इसके अलावा उन्होंने कुलाधिपति द्वारा संस्कृत भाषा को बढ़ाने और संरक्षित करने की पहल की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में इसपर अमल तो किया जाएगा. साथ ही जितने सीनेट के मेंबर हैं उन सभी के इलाके में भी विशेष कैम्प कर संस्कृत भाषा को बढ़ाने और प्रशिक्षण देने का काम किया जाएगा.

रिपोर्ट: मुकेश कुमार

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