क्या विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं CM नीतीश?, राजद कांग्रेस से तनातनी के बीच ले रहे कानूनी सलाह
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क्या विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं CM नीतीश?, राजद कांग्रेस से तनातनी के बीच ले रहे कानूनी सलाह

बिहार की राजनीति अप्रत्याशित रूप से करवट ले रही है. पहले कहा जा रहा था कि राजद और कांग्रेस से नाराज होकर नीतीश कुमार भाजपा की ओर रुख कर सकते हैं पर अब खबर आ रही है कि वे विधानसभा भंग करने की सिफारिश राज्यपाल से कर सकते हैं.

(फाइल फोटो)

Patna: बिहार की राजनीति अप्रत्याशित रूप से करवट ले रही है. पहले कहा जा रहा था कि राजद और कांग्रेस से नाराज होकर नीतीश कुमार भाजपा की ओर रुख कर सकते हैं पर अब खबर आ रही है कि वे विधानसभा भंग करने की सिफारिश राज्यपाल से कर सकते हैं. सूत्रों का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री इसके लिए कानूनी सलाह ले रहे हैं. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार एनडीए में जाने के इच्छुक हैं पर भाजपा का अभी पाॅजीटिव रुख न होने के कारण अब वे विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं, ताकि लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा का भी चुनाव हो जाए. 

इंडिया ब्लाॅक की दिल्ली में 19 दिसंबर को हुई चैथी बैठक के बाद से ही नीतीश कुमार बदले बदले से नजर आ रहे हैं. बीच में उनकी नाराजगी की खबरें भी आईं और दिल्ली से भाकपा महासचिव डी राजा उनको मनाने के लिए भी आए थे. बाद में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिले प्रसाद सिंह और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान भी नीतीश कुमार से मिलने गए थे. और तो और लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव भी नीतीश कुमार से मिलने मुख्यमंत्री आवास पर मिलने गए थे. ठीक उसी दिन नीतीश कुमार ने राजद कोटे के तीन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल कर दिया, जिससे यह संदेश गया कि नीतीश कुमार अब राजद को और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं. 

इस बीच मोदी सरकार ने नीतीश कुमार के राजनीतिक गुरु स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान कर दिया और उनके बेटे रामनाथ ठाकुर से पीएम मोदी ने बात भी की. नीतीश कुमार को इस बात का अंदाजा रहा होगा कि पीएम मोदी उनको भी फोन करेंगे पर उन्होंने केवल रामनाथ ठाकुर से बात की. इस बात को नीतीश कुमार ने कर्पूरी जयंती के मौके पर आयोजित समारोह में साझा भी किया था. उनका यह कहना कि हमको फोन नहीं किए... उनकी अंदर की भावना को व्यक्त करने के लिए काफी है. इस मौके पर नीतीश कुमार ने वो सारी बातें भी कहीं जो राजद को नागवार गुजर सकती हैं. 

और उनकी बातें नागवार गुजरी भी. गुरुवार को लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने नीतीश कुमार की बातों को लेकर एक के बाद एक लगातार तीन पोस्ट कर डाले. रोहिणी के पोस्ट में सीधा निशाना नीतीश कुमार को बनाया गया है. हालांकि इस पोस्ट में किसी का नाम नहीं लिया गया है पर इससे राजद और जेडीयू के संबंध बिगड़ गए हैं. कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें नीतीश कुमार ने कुछ बोला ही नहीं और तेजस्वी यादव भी उतने एक्टिव नहीं दिखे. इसलिए माना जा रहा है कि अब सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. उसके बाद कानूनी सलाह की खबर से बिहार का राजनीतिक माहौल अचानक गरमा गया है. आगे आगे देखिए, होता है क्या.

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