Madhubani: कोरोना ने रोकी इंडो-नेपाल रेल परियोजना की रफ्तार, लोगों में छाई उदासी
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Madhubani: कोरोना ने रोकी इंडो-नेपाल रेल परियोजना की रफ्तार, लोगों में छाई उदासी

बिहार (Bihar) के मधुबनी जिले से लगे भारत-नेपाल सीमा के दोनों ओर कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन में ढील दी गई है. अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे मधुबनी के जयनगर बाजार में सबकुछ सामान्य है. 

कोरोना ने रोकी इंडो-नेपाल रेल परियोजना की रफ्तार

Madhubani: बिहार (Bihar) के मधुबनी जिले से लगे भारत-नेपाल सीमा के दोनों ओर कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन में ढील दी गई है. अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे मधुबनी के जयनगर बाजार में सबकुछ सामान्य है, तो उस पार धनुषा और उससे लगे इलाके में भी कोरोना के गिरते आंकड़ों के बीच एहतियात के साथ ढील दे दी गई, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर अब भी सील है. जिस वजह से सीमा से सटे भारत और नेपाल दोनों ही देशों के लोग परेशान हैं. 

जयनगर के पास के बेतौना और इनर्वा बॉर्डर से बड़ी संख्या में लोग यहां अपनी जरूरतों का सामान खरीदने आते हैं. मरीजों के इलाज के लिए भी लोग जयनगर और मधुबनी के रास्ते बड़े अस्पतालों तक आते हैं, लेकिन करीब डेढ़ साल से बॉर्डर बंद होने के कारण दोनों तरफ रहने वाला हर वो शख्स परेशान है, जो भारत-नेपाल को अपने घर आंगन समझता है. 

बेतौना बॉर्डर पर भले ही गाड़ियों की आवाजाही पर पाबंदी है, लेकिन पैदल और दो पहिया वाहनों को दोनों ओर के सुरक्षाकर्मी नहीं रोकते हैं. जिस वजह से लोग बाजार के पास भारत की गाड़ियों को छोड़ कर करीब एक किलोमीटर का पैदल सफर तय करते हैं और फिर दोनों देशों की सीमा को बांटने वाले पीलर के बाद अपने-अपने देश की सवारी पर सवार होते हैं. इस दौरान बीमार और छोटे बच्चों को लेकर सफर कर रहे लोगों की परेशानी बढ़ जाती है. सरहद पर पाबंदी होने के बाद लोग भले ही बड़ी गाड़ियों से सामान लेकर बॉर्डर को पार नहीं कर रहे हैं. लेकिन सीमा के पास के दुकानों पर रखे गए सामान पैदल या फिर साइकिल के जरिए नेपाल की तरफ के गांव के लोग खरीद कर ले जाते हैं.  

'दोनों देशों की सीमा पर जारी है सख्ती'

जो परेशानी नेपाल से सटे बेतौना बॉर्डर की है, वहीं परेशानी मधुबनी जिले से लगने वाले इनर्वा बॉर्डर पर भी देखने को मिल रही है. इनर्वा बाजार आम दिनों में गुलजार रहता था. कोरोना काल से पहले नेपाल के लोग बड़ी संख्या में जयनगर बाजार आया करते थे. इसके अलावा बिहार के मधुबनी और बाकी इलाकों के लोगों के बीच इनर्वा बॉर्डर के बाजार को लेकर क्रेज देखा जाता था. लेकिन कोरोना बंदी के बाद बॉर्डर सील होने से इनर्वा में भी वीरानी छाई हुई है और अपना बाजार-व्यापार प्रभावित होने के कारण लोग बॉर्डर खोलने की मांग कर रहे हैं. 

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भारत-नेपाल सीमा पर स्थित अकौन्हा गांव में मस्जिद सीमा के उस पार है, और उसकी देखभाल नेपाल के अकौन्हा गांव के एक मुस्लिम परिवार के जिम्मे है. जबकी इबादत करने भारत की सीमा के अंदर बसे अकौन्हा गांव के लोग आते हैं. इनकी इबादत में सीमा के सील होने की वजह से खलल तो नहीं होता है, लेकिन सीमा के उस पार के नाते-रिश्तेदारों के पास जाने के लिए ये लोग भी बॉर्डर खोले जाने की मांग कर रहे हैं. 

इंडो-नेपाल रेल परियोजना में हो रही देरी से लोग परेशान 

एक ओर लोग बॉर्डर सील होने से परेशान हैं, तो वहीं भारत सरकार की महत्वाकांक्षी इंडो-नेपाल रेल परियोजना में हो रही देरी से भी इलाके के लोग बेसब्र हैं.  मधुबनी जिले के जयनगर रेलवे स्टेशन से जनकपुर-कुर्था के बीच रेलगाड़ी दौड़ने वाली है. लेकिन कब ? इलाके के लोग यही पूछ रहे हैं. जयनगर-जनकपुर रेल लाइन पर ट्रायल भी शुरू हो गया है. इस रेल के चलने से एक ओर जहां जनकपुर धाम के खूबसूरत नजारे को करीब से निहारना आसान हो जाएगा, तो वहीं पूजा-अर्चना के लिए जनकपुर के जानकी मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की परेशानी भी दूर होने वाली है. 

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जयनगर-जनकपुर के बीच रेल का परिचालन शुरू होने से इस इलाके में श्रद्धालुओं और सैलानियों की आवाजाही बढ़ेगी. जिससे यहां अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. इसके अलावा यहां कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत को भी नई पहचान मिलेगी. शायद यही वजह है कि यहां के लोग इस रूट पर रेलगाड़ी की आवाज सुनने को बेताब हैं. लोग भले ही रेल परिचालन जल्द शुरू करने की मांग कर रहे हैं. वहीं,जिस रेल का ट्रायल हुआ है, वो नेपाल के आखिरी स्टेशन इनर्वा के प्लेटफॉर्म पर खड़ी है. ऐसे में कोरोना के बाद से बंद सीमा और रेल परिचालन में हो रही देरी  से इस इलाके के लोग मायूस हैं और वो सीमा खोलने की मांग कर रहे हैं. 

 

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