जानकारी के मुताबिक, माझा प्रखण्ड के फुलवरिया गांव निवासी स्वर्गीय श्री किशुन राम का बेटा विश्वनाथ राम पेड़ से गिरने के बाद जख्मी हो गया था. जिसे लेकर परिजन इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन सदर अस्पताल में स्ट्रेचर नही मिला जिस कारण मरीज के परिजन मरीज को गोद मे उठाकर सदर अस्पताल में भटकते रहे.
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गोपालगंजः जिले के आईएसओ प्रमाणित सदर अस्पताल में लापरवाही की तस्वीरे सामने आती रही हैं. यहां की अव्यवस्था व्यवस्था सुधरने का नाम ही नहीं ले रही है. अस्पताल की व्यवस्था राम भरोसे है. यहां मरीजों को स्ट्रेचर भी मुहैया नहीं कराई जा रहा है, जिसके कारण मरीज के परिजन, मरीज को अपने गोद में उठाकर इधर-उधर भटकने को मजबूर होते हैं. ऐसा ही एक मामला फिर से सामने आया है. यहां एक व्यक्ति पेड़ से गिरकर जख्मी हो गया. परिवार जब उसे गंभीर अवस्था में अस्पताल लेकर पहुंचा तो उसे स्ट्रेचर नहीं मिला. इस मामले के सामने आने के बाद अस्पताल की पोल एक बार फिर खुलती नजर आ रही है.
पेड़ से गिरकर जख्मी हो गये थे विश्वनाथ
जानकारी के मुताबिक, माझा प्रखण्ड के फुलवरिया गांव निवासी स्वर्गीय श्री किशुन राम का बेटा विश्वनाथ राम पेड़ से गिरने के बाद जख्मी हो गया था. जिसे लेकर परिजन इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन सदर अस्पताल में स्ट्रेचर नही मिला जिस कारण मरीज के परिजन मरीज को गोद मे उठाकर सदर अस्पताल में भटकते रहे. मरीज विश्वनाथ राम के परिजनों ने बताया कि अपने मरीज को लेकर जब अस्पताल पहुंचे तो मुख्य दरवाजे पर ही गाड़ी वाले ने उतार दिया.
अस्पताल में भटकते रहे परिजन
उनका कहना है कि उन्होंने अस्पताल प्रशासन से स्ट्रेचर की मांग की, लेकिन उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला. इसके बाद वह विश्वनाथ को गोद में लेकर इधर-उधर भटकते रहे और इलाज के लिए गुहार लगाते रहे. वह जिसके पास भी जाते थे तो कोई उन्हें उधर भेजता था, तो कोई इधर. बेटे को लेकर भटकते-भटकते जब हाथ दर्द करने लगता तो उसे जमीन और लिटा देते फिर उठाते, फिर घूमते रहे और इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन किसी ने कोई मदद नही की जब डॉक्टर के पास पहुंचे तो बेड नही है कह कर बाहर कर दिया जिससे इमरजेंसी वार्ड के बाहर ही खुले आसमान में लिटाना पड़ा.
बिहार के जिलों में लगातार अस्पतालों से परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं. गोपालगंज का मामला भी उस समय आया है, जबकि भागलपुर सदर अस्पताल में शव के पोस्टमॉर्टम के लिए 50 हजार रिश्वत मांगने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है.