Lakhisarai Firing Case: लखीसराय गोलीकांड राजनीतिक रंग में रंग गया है. भाजपा के निशाने पर जहां पुलिस और सत्तारूढ़ दल है. वहीं पीड़ित परिवार को अब छह लोगों को गोलियों से छलनी कर देने वाले आशीष चौधरी की गिरफ्तारी का इंतजार है.
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लखीसरायः Lakhisarai Firing Case: लखीसराय गोलीकांड राजनीतिक रंग में रंग गया है. भाजपा के निशाने पर जहां पुलिस और सत्तारूढ़ दल है. वहीं पीड़ित परिवार को अब छह लोगों को गोलियों से छलनी कर देने वाले आशीष चौधरी की गिरफ्तारी का इंतजार है. बीते 20 नवंबर को दिनदहाड़े एक ही परिवार के छह लोगों को गोलियों से छलनी कर देने वाला शातिर सिरफिरे आशीष चौधरी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है.
पुलिस ने आशीष चौधरी पर पचास हजार रूपए का ईनाम घोषित कर रखा है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है. घटना के दस दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से न्याय की आस में परिजनों की आंखें पथरा गई है. गोलीबारी की घटना के बाद से पीड़ित परिवार लखीसराय नगर परिषद सभापति सह जदयू नेता अरबिंद पासवान पर आरोपित आशीष चौधरी को भगा देने का आरोप लगा रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष सह क्षेत्रीय विधायक विजय कुमार सिन्हा ने भी इसे अपना मुद्दा बना रखा था. बीजेपी ने नरसंहार को लेकर बड़े आंदोलन का ऐलान किया है. आगामी एक दिसंबर को लखीसराय समाहरणालय पर बीजेपी महाधरना देगी. जिसमें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, बिहार विधानसभा में नेता प्रति पक्ष विजय कुमार सिन्हा सहित कई अन्य विधायक शामिल होंगे.
इससे पहले बीजेपी ने 30 नवंबर को महाधरना की अनुमति जिला प्रशासन से मांगी थी. जिसे जिला प्रशासन ने स्वीकार कर लिया, लेकिन महज कुछ घंटे के अंदर अनुमति को रद्द कर दिया था. जिसको लेकर नेता प्रति पक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. वहीं एसपी पंकज कुमार आशीष चौधरी को जल्द गिरफ्तार करने की बात कह रहे हैं.
इनपुट- राज किशोर मधुकर