BJP Vs JDU: नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले देश भर में विपक्षी एकता बनाने की कोशिश शुरू कर दी है. उन्होंने बीजेपी पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए लोगों से एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के प्रयासों से सावधान रहने को कहा.
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Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारों ही इशारों में पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. सीएम नीतीश ने कहा, 'उन्हें क्या मालूम है, वे लोग क्या बोलते हैं, उसका कोई मतलब है?' पटना में एक कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री से अमित शाह के बयान पर सवाल किया गया तो नीतीश कुमार ने कहा, इन लोगों को जयप्रकाश नारायण के बारे में क्या मालूम है?
उन्होंने कहा, 'आज जो प्रधानमंत्री हैं, जब मुख्यमंत्री बने थे, तब क्या थे? उन्होंने कहा कि इन लोगों को क्या मालूम है स्वतंत्रता संग्राम के विषय में. जिन लोगों का आजादी की लड़ाई से कुछ मतलब नहीं रहा, वे आज जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए आंदोलन पर बोल रहे हैं. आजकल जो लोग बोल रहे हैं, उनकी क्या भूमिका थी स्वतंत्रता आंदोलन में?' उन्होंने कहा, ये सब क्या बोलते हैं, उस पर मुझे कुछ नहीं बोलना. इन्हें न कोई ज्ञान है और ना कोई जानकारी है.
2024 के लिए नीतीश ने कसी कमर
बता दें कि नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले देश भर में विपक्षी एकता बनाने की कोशिश शुरू कर दी है. उन्होंने बीजेपी पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए लोगों से एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के प्रयासों से सावधान रहने को कहा.
नीतीश ने जेपी के साथ अपने मजबूत रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि वह 1974 के आंदोलन की अगुवाई करने वाले छात्र कार्यकर्ताओं की 14 सदस्यीय समिति और आपातकाल के दौरान जेल भेजे गए लोगों में शामिल थे.
शाह ने बोला था हमला
इससे पहले अमित शाह ने मंगलवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर उनकी जन्मस्थली सिताबदियारा में कहा था कि जेपी के ग्रामोत्थान, सहकारिता और सर्वोदय के सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए नरेंद्र मोदी की सरकार दृढ़संकल्पित है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा था, जेपी आंदोलन के कई लोग हैं जो पूरा जीवन जेपी और लोहिया जी का नाम लेते रहे, लेकिन आज वे सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में बैठे हुए हैं.
उन्होंने कहा था, जेपी ने जीवनभर सत्ता के लिए नहीं, बल्कि सिद्धांतों के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन उनका नाम लेकर राजनीति में आने वाले लोग, सत्ता के लिए पांच-पांच बार पाला बदलने वाले लोग बिहार के मुख्यमंत्री बने बैठे हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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