Haryana News: डब्ल्यूएचओ ने 5 अक्टूबर को चेतावनी दी थी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित ‘मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ द्वारा कथित तौर पर उत्पादित ‘दूषित’ और ‘कम गुणवत्ता’ वाले चार कफ सिरप पश्चिमी अफ्रीकी देश गांबिया में हुई बच्चों की मौत का कारण हो सकते हैं.
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Maiden Pharmaceuticals Limited: हरियाणा सरकार ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा कफ सिरप का उत्पादन बंद करने का फैसला किया है. इस कंपनी के कफ सिरप को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी अलर्ट के राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है.
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सोनीपत फार्मास्युटिकल कंपनी की जो तीन दवाईंयां WHO द्वारा बताई गई थीं उनके सैंपल सेंट्रल ड्रग लैब, कोलकाता भेजे गए हैं. अभी इसकी रिपोर्ट नहीं आई है. रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई होगी. लेकिन केंद्र और हरियाणा राज्य के दवा विभागों की संयुक्त निरीक्षण के बाद इनमें लगभग 12 खामियां पाई गईं. जिसे देखते ह हुए निर्णय लिया गया है कि इनका कुल उत्पादन बंद कर दिया जाए.’
इन दवाओं को लेकर डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा?
डब्ल्यूएचओ ने 5 अक्टूबर को चेतावनी दी थी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित ‘मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ द्वारा कथित तौर पर उत्पादित ‘दूषित’ और ‘कम गुणवत्ता’ वाले चार कफ सिरप पश्चिमी अफ्रीकी देश गांबिया में हुई बच्चों की मौत का कारण हो सकते हैं. ये चार उत्पाद प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सीरप, मकॉफ़ बेबी कफ सीरप और मैग्रीप एन कोल्ड सीरप हैं.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयेसस ने कहा, ‘ये उत्पाद अब तक केवल गाम्बिया में पाए गए हैं, लेकिन उन्हें अन्य देशों में भी संभवत: वितरित किया गया. डब्ल्यूएचओ ने परामर्श दिया कि सभी देश मरीजों को और नुकसान पहुंचने से बचाने के लिए इन उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाएं.’
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