'तुम्हें यहां नौकरी-सैलरी चाहिए, लेकिन भाषा नहीं', कन्नड़ नहीं बोलने वाले पर भड़का शख्स, वीडियो पर गुस्साए यूजर्स
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'तुम्हें यहां नौकरी-सैलरी चाहिए, लेकिन भाषा नहीं', कन्नड़ नहीं बोलने वाले पर भड़का शख्स, वीडियो पर गुस्साए यूजर्स

Bengaluru Viral Video: वीडियो में वह शख्स कहता दिख रहा है, 'तुम्हें यहां नौकरी चाहिए, तुम्हें यहां सैलरी चाहिए, लेकिन तुम्हें भाषा नहीं चाहिए.' उसने आगे कहा, 'कम से कम कन्नड़ तो सीख लो. यह कर्नाटक है, मुंबई या बेंगलुरु नहीं.' उसने स्थानीय पहचान पर जोर देते हुए कहा कि यह हमारा राज्य है, हमारा भारत.

'तुम्हें यहां नौकरी-सैलरी चाहिए, लेकिन भाषा नहीं', कन्नड़ नहीं बोलने वाले पर भड़का शख्स, वीडियो पर गुस्साए यूजर्स

Kannad Language Row: कन्नड़ भाषा बोलने को लेकर विवाद पर कर्नाटक का बेंगलुरु एक बार फिर सुर्खियों में है. एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक स्थानीय और दूसरे शख्स से बीच तू-तू-मैं-मैं हो रही है, जो कन्नड़ बोलना नहीं जानता. 

वायरल वीडियो में एक स्थानीय शख्स कन्नड़ नहीं बोलने वाले व्यक्ति से बहस करता नजर आ रहा है. स्थानीय शख्स इस बात को लेकर आपत्ति जता रहा है कि दूसरा शख्स 12 साल से राज्य में रहकर काम कर रहा है लेकिन बावजूद इसके वह कन्नड़ बोलना नहीं जानता. उसने दूसरे शख्स पर स्थानीय संस्कृति का 'अपमान' करने का आरोप लगाया.

वीडियो में वह शख्स कहता दिख रहा है, 'तुम्हें यहां नौकरी चाहिए, तुम्हें यहां सैलरी चाहिए, लेकिन तुम्हें भाषा नहीं चाहिए.' उसने आगे कहा, 'कम से कम कन्नड़ तो सीख लो. यह कर्नाटक है, मुंबई या बेंगलुरु नहीं.' उसने स्थानीय पहचान पर जोर देते हुए कहा कि यह हमारा राज्य है, हमारा भारत.

मंजूकेबाय नाम के यूजर के पोस्ट किया गया ये वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ, जिसे 83,000 से ज्यादा बार देखा गया. कई यूजर्स ने इस पर अपनी आपत्ति जताई और जमकर कमेंट किए.

एक यूजर ने लिखा, "मैं पंजाब से हूं, पिछले 18 सालों से गुड़गांव (हरियाणा) में रह रहा हूं, मुझे कभी भी हरियाणवी सीखने और बोलने के लिए मजबूर नहीं किया गया. यह हमारे देश का सबसे अच्छा हिस्सा है. कल्पना कीजिए कि दिलजीत कर्नाटक में एक कॉन्सर्ट कर रहा है और उसे कन्नड़ में गाने के लिए कहा जा रहा है.'

एक दूसरे यूजर ने कहा, "उसे क्यों सीखना चाहिए? क्या भाषा सीखने के लिए मजबूर करना दूसरे राज्य में जाने का नया मानदंड है. भाषा के कट्टरवादी लोग सिर्फ़ बाहरी लोगों को परेशान करना चाहते हैं. हर कोई अलग भाषा सीखने के लिए उत्सुक नहीं होता क्योंकि उनके पास बहुत सी दूसरी ज़िम्मेदारियां होती हैं."

एक तीसरे यूजर ने कमेंट में कहा, 'आप विराट कोहली को सपोर्ट करते हैं और वह 16 साल से आरसीबी का हिस्सा हैं. उनसे कन्नड़ सीखने के लिए कहें या फिर आरसीबी मैनेजमेंट से बोलें कि उन्हें रिटेन न करें. क्या आप ऐसा कर सकते हैं.. प्लीज'.

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