Halal products Ban in UP: यूपी में किसी भी तरह के हलाल प्रॉडक्ट्स का रखना या बेचना बैन कर दिया गया है. ऐसा करने पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी.
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Ban on Halal products in UP: यूपी में अब अगर आपने हलाल प्रॉडक्ट्स रखा या बेचा तो उसकी खैर नहीं होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने तत्काल प्रभाव से हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर बैन लगा दिया है. आदेश के मुताबिक अब यूपी में किसी भी तरह के हलाल सर्टिफाइड उत्पाद का निर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री नहीं की जा सकेगी. अगर किसी ने ऐसा करने के दुस्साहस किया तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
स्टॉक या बिक्री करने पर जाएंगे जेल
योगी सरकार ने हलाल उत्पादों के नाम पर चल रहे गोरखधंधे पर बड़ी चोट की है. सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब यूपी में सभी हलाल उत्पादों पर पूरी तरह बैन रहेगा. कोई भी व्यक्ति यूपी की सीमा के अंदर न तो हलाल सर्टिफाइड उत्पाद का निर्माण कर सकेगा और न ही उसका स्टॉक इकट्ठा कर सकेगा. इतना ही नहीं, अब हलाल उत्पादों की मार्केटिंग और बिक्री भी पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है. ऐसा न करने पर दोषी को जेल और जुर्माना दोनों भुगतने पड़ सकते हैं.
वीएचपी ने किया फैसले का वेलकम
यूपी में हलाल धंधे पर हुए एक्शन पर वीएचपी की प्रतिक्रिया सामने आई है. परिषद की केंद्रीय प्रबंधन समिति के सदस्य राजकमल गुप्ता ने इस एक्शन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी है. हलाल की तुलना पाकिस्तान के जजिया टैक्स से करते हुए राजकमल गुप्ता ने कहा कि हलाल सर्टिफिकेशन से कमाया गया पैसा देश विरोधी गतिविधियों, इस्लाम के प्रचार प्रसार, लव जिहाद और लैंड जिहाद समेत कई तरह के जिहादों में इस्तेमाल होता है. उन्होंने भारत सरकार के अपील की कि वह पीएफआई की तरह इस हलाल गोरखधंदे की जांच करवाकर पूरे देश में हलाल प्रॉडक्ट्स को बैन करें. उन्होंने हिंदू समाज से अपील की कि वे हलाल सर्टिफाइड माल का बहिष्कार करें और उससे दूर रहें.
आखिर क्या होता है 'हलाल'
इस्लाम के जानकारों के मुताबिक इस्लाम में 'हलाल' शब्द पर बहुत जोर दिया जाता है. 'हलाल' का मतलब है, जायज, वैध. जो इस्लाम के अनुकूल हो, जिस पर कोई प्रतिबंध हो और जो हराम न हो. वहीं हराम शब्द का अर्थ इसके एकदम उल्टा होता है. मुस्लिम देशों में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है. आरोप है कि कई कंपनियां मोटे पैसे देकर कुछ इस्लामी संस्थाओं से भारत में अपने उत्पादों को 'हलाल' सर्टिफाइड करवा रही हैं, जबकि उन्हें ऐसे विवादित सर्टिफिकेट देने का अधिकार ही नहीं है.