Bamboo Crash Barrier: हाईवे के मामले में भारत ने हासिल किया ऐसा कीर्तिमान, गडकरी भी हो गए गदगद
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Bamboo Crash Barrier: हाईवे के मामले में भारत ने हासिल किया ऐसा कीर्तिमान, गडकरी भी हो गए गदगद

Crash Barrier Bamboo on Highway: गडकरी ने कहा, इस बैरियर को बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली बांस की प्रजाति बंबूसा बालकोआ है, जिसे क्रेओसोट तेल से उपचारित किया गया है और रीसाइकल्ड हाई-डेंसिटी पॉली एथिलीन (एचडीपीई) के साथ लेपित किया गया है. यह उपलब्धि बांस क्षेत्र और पूरे भारत के लिए कीर्तिमान है,

Bamboo Crash Barrier: हाईवे के मामले में भारत ने हासिल किया ऐसा कीर्तिमान, गडकरी भी हो गए गदगद

Maharashtra News: महाराष्ट्र के एक हाईवे पर 200 मीटर लंबा बांस का क्रैश बैरियर लगाया गया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी है.गडकरी ने इसे दुनिया की पहली ऐसी कवायद करार दिया है. महाराष्ट्र में चंद्रपुर और यवतमाल जिलों को जोड़ने वाले एक हाईवे पर इसको लगाया गया है. शनिवार को गडकरी ने इसे देश और इसके बांस क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह 'क्रैश बैरियर' स्टील का एक सही ऑप्शन देता है और पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं को दूर करता है.

गडकरी ने एक ट्वीट में कहा,'दुनिया के पहले 200 मीटर लंबे बांस के क्रैश बैरियर के निर्माण के साथ ही आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक असाधारण उपलब्धि हासिल की गई है, जिसे वाणी-वरोरा राजमार्ग पर लगाया गया है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि इस बांस के क्रैश बैरियर को बहू बल्ली नाम दिया गया है.'क्रैश बैरियर'हाईवे के किनारे लगाए जाते हैं और किसी तेज रफ्तार वाहन बेकाबू होकर इनसे टकराने पर ये गाड़ी को सड़क से नीचे जाने से रोक देते हैं और इनसे गाड़ी की रफ्तार भी कम हो जाती है.

मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा,'इंदौर के पीतमपुर में नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (एनएटीआरएएक्स) जैसे विभिन्न सरकारी संस्थानों में इसका सख्त परीक्षण किया गया और रुड़की में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) में आयोजित अग्नि रेटिंग जांच के दौरान इसे श्रेणी एक का दर्जा दिया गया. इसके अतिरिक्त, इसे इंडियन रोड कांग्रेस द्वारा भी मान्यता दी गई है.' गडकरी ने कहा कि बांस बैरियर की रीसाइकिल वैल्यू 50-70 प्रतिशत है, जबकि स्टील बैरियर का 30-50 परसेंट है.

उन्होंने कहा, 'इस बैरियर को बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली बांस की प्रजाति बंबूसा बालकोआ है, जिसे क्रेओसोट तेल से उपचारित किया गया है और रीसाइकल्ड हाई-डेंसिटी पॉली एथिलीन (एचडीपीई) के साथ लेपित किया गया है. यह उपलब्धि बांस क्षेत्र और पूरे भारत के लिए कीर्तिमान है, क्योंकि यह क्रैश बैरियर स्टील का एक सही ऑप्शन देता है और पर्यावरण संबंधी चिंताओं और उनके परिणामों को हल करता है.

(इनपुट-एजेंसी)

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