मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व सरमा के पास गृहविभाग का भी प्रभार है. उन्होंने एक कार्यक्रम के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, ‘इस संबंध में पुराने नियम है लेकिन हमने इसका इस्तेमाल नहीं किया था.’ दरअसल, 10 मई को असम की हिमंत बिश्व सरमा सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर वो कुछ नए फैसले भी ले सकते हैं और ये फैसला भी इसी कड़ी का हिस्सा है.
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असम की हिमंत बिश्व सरमा सरकार ने शराबी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली है.सूबे के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व सरमा ने खुद इसका ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिस विभाग के करीब 300 अधिकारियों को ‘शराब की लत’ की वजह से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) दी जाएगी, यानी आदतन शराबी पुलिसकर्मियों को वीआरएस दिया जाएगा, इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
मुख्यमंत्री ने बताय कि इस फैसले को लागू करने की तैयारी पहले ही कर ली गई थी. उन्होंने कहा, 'इसकी प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है और इनके स्थान पर नई भर्तियां की जाएंगी.' उन्होंने कहा, ‘करीब 300 अधिकारी और जवान शराब के आदी हैं और नशे की वजह से उनके शरीर को काफी नुकसान हुआ है. सरकार के पास उनके लिए वीआरएस का प्रावधान है.’
मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व सरमा के पास गृहविभाग का भी प्रभार है. उन्होंने एक कार्यक्रम के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, ‘इस संबंध में पुराने नियम है लेकिन हमने इसका इस्तेमाल नहीं किया था.’ दरअसल, 10 मई को असम की हिमंत बिश्व सरमा सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर वो कुछ नए फैसले भी ले सकते हैं और ये फैसला भी इसी कड़ी का हिस्सा है.
इस तरह के वीआरएस के नियम कई राज्यों में पहले से लागू हैं, लेकिन असम में ये पहली बार लागू होने जा रहा है. मुख्यमंभी हिमंत ने कहा कि वीआरएस दिए जाने के बाद भी इन शराबी पुलिस अधिकारियों को पूरी सैलरी मिलती रहेगी, बस ड्यूटी के लिए उनकी जगह कोई नया अधिकारी ले लेगा.
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