Petrol Diesel Price: ताजमहल न होता तो ₹40 प्रति लीटर बिकता पेट्रोल! ओवैसी ने क्यों दिया ये बयान
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Petrol Diesel Price: ताजमहल न होता तो ₹40 प्रति लीटर बिकता पेट्रोल! ओवैसी ने क्यों दिया ये बयान

Petrol Diesel Price: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए ताजमहल को जिम्मेदार ठहराया है. आइये आपको  बताते हैं ओवैसी ने पेट्रोल को लेकर ये अजीब बयान क्यों दिया.

Petrol Diesel Price: ताजमहल न होता तो ₹40 प्रति लीटर बिकता पेट्रोल! ओवैसी ने क्यों दिया ये बयान

Petrol Diesel Price: हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के पीछे ताजमहल को जिम्मेदार ठहराया है. भाजपा और केंद्र सरकार पर हमेशा हमलावर रहने वाले ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा कि ताजमहल नहीं बना होता तो आज पेट्रोल की इतनी ज्यादा कीमत नहीं होती. ओवैसी ने कहा कि शाहजहां ने ताजमहल नहीं बनवाया होता तो आज पेट्रोल की कीमत ₹40 प्रति लीटर होती.

ताजमहल के कारण पेट्रोल महंगा?

ओवैसी ने सत्तारूढ़ दल पर देश की सभी समस्याओं के लिए मुगलों और मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराने का आरोप लगाते हुए कहा, 'देश में युवा बेरोजगार हैं, महंगाई बढ़ रही है, डीजल ₹102 प्रति लीटर बिक रहा है, वास्तव में औरंगजेब है इस सब के लिए जिम्मेदार (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी नहीं. बेरोजगारी के लिए सम्राट अकबर जिम्मेदार है. पेट्रोल ₹104-₹115 प्रति लीटर बिक रहा है, इसके पीछे जिसने ताजमहल बनवाया.. वह जिम्मेदार है.'

..तो आज पेट्रोल 40 रुपए में बिकता

उन्होंने कहा, 'अगर उन्होंने (शाहजहां) ताजमहल नहीं बनवाया होता, तो आज पेट्रोल 40 रुपए में बिकता. प्रधानमंत्री जी, मैं स्वीकार करता हूं कि उन्होंने (शाहजहां ने) ताजमहल और लाल किला बनवाकर गलती की थी. उन्हें उस पैसे को बचाकर सौंप देना चाहिए था. 2014 में यह मोदी जी को सौंप दिया जाना चाहिए था. हर मुद्दे पर वे कहते हैं कि मुसलमान जिम्मेदार हैं, मुगल जिम्मेदार हैं.'

क्या केवल मुगलों ने भारत पर शासन किया?

ओवैसी ने पूछा, 'क्या केवल मुगलों ने भारत पर शासन किया? अशोक ने नहीं? चंद्रगुप्त मौर्य ने नहीं? लेकिन भाजपा केवल मुगलों को देख सकती है. वे एक आंख से मुगल देखते हैं, दूसरी से पाकिस्तान.' ओवैसी ने कहा कि भारत के मुसलमानों का मुगलों या पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है. हमने (मुहम्मद अली) जिन्ना के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और इस साल आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएंगे. इस देश के 20 करोड़ मुसलमान इस बात के गवाह हैं कि उनके पूर्वजों ने जिन्ना के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और भारत में ही रहे.

'हम यहीं रहेंगे और यहीं मरेंगे'

ओवैसी ने कहा कि भारत हमारा प्यारा देश है. हम भारत नहीं छोड़ेंगे. आप चाहे कितने भी नारे लगा लें, हमें जाने के लिए कहें. हम यहीं रहेंगे और यहीं मरेंगे.

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