Army Installs Monitoring Radar: हिमस्खलन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए एक अभिशाप है और उनमें से कई ऐसी घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं.
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Indian Army: भारतीय सेना द्वारा उत्तरी सिक्किम में 15,000 फीट की ऊंचाई पर अपनी एक अग्रिम चौकी पर एक रडार स्थापित किया है. यह अपनी तरह का पहला राडार है जो बर्फबारी और कोहरे के बीच से भी देख सकता है और ट्रिगर होने के तीन सेकंड के भीतर हिमस्खलन का पता लगा सकता है.
हिमस्खलन निगरानी रडार, जिसका मंगलवार को उद्घाटन किया गया था, उसे भारतीय सेना और रक्षा भू-सूचना विज्ञान और अनुसंधान प्रतिष्ठान (DGRE) द्वारा लगाया गया था. यह रडार हिमस्खलन का पता लगाने के अलावा, भूस्खलन को भी देख सकता है.
अक्सर हिमस्खलन के चपेट में आ जाते हैं सैनिक
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक शाखा , डीजीआरई हिमस्खलन के पूर्वानुमान और न्यूनीकरण को देखती है, जो हिमालयी क्षेत्र में हमारे सैनिकों के लिए अक्सर घातक सिद्ध होते हैं.
यह राडार रात में भी देख सकता है. यह 2 वर्ग/किमी के क्षेत्र को कवर करता है. भारतीय सेना ने कहा कि यह हिमस्खलन लिए लक्षित ढलान को स्थायी रूप से स्कैन कर सकता है और इसके पथ और आकार को ट्रैक कर सकता है.
भारतीय सैनिकों की रक्षा करेगा रडार
सेना ने कहा, “ऐसे क्षेत्र में जहां हिमस्खलन के ट्रिगर होने की आवृत्ति अधिक होती है, पहले हिमस्खलन रडार की स्थापना कठोर इलाके और सब-जीरो तापमान में तैनात भारतीय सैनिकों के जीवन की रक्षा करेगी. इसके साथ ही बर्फीले, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चलने वाले वाहनों और उपकरणों को होने वाले नुकसान सीमित करेगा.”
हिमस्खलन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए एक अभिशाप है और उनमें से कई ऐसी घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं. सेना के एक सूत्र ने कहा, "हिमस्खलन की चपेट में आने से कुछ सेकंड पहले की चेतावनी कई लोगों की जान बचाने में मदद कर सकती है."
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