तीन राज्यों में शानदार जीत से भाजपा का जोश हाई है. लोकसभा में आज अमित शाह के भाषण में इसकी झलक दिखाई दी. उन्होंने कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को जमकर सुनाया. कभी अधीर रंजन पर तंज कसते कभी फारूक के सहयोगी और पूर्व जज हसनैन मसूदी को सुनाते. एक समय ऐसा आया जब फारूक अब्दुल्ला को भी खड़ा होना पड़ा.
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Lok Sabha Amit Shah News: लोकसभा में आज गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर से संबंधित दो विधेयकों पर बोलने के लिए खड़े हुए तो अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों की चर्चा करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने अपनी मां का नाम लेते हुए 'नाम' का महत्व समझाया तो विपक्ष के आरोपों का भी चुन-चुनकर जवाब दिया. वह जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू - कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर बोल रहे थे. बीच-बीच में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी खड़े होकर उन्हें टोकते, नोकझोंक चलती फिर शाह आक्रामक तेवर दिखाते. एक समय ऐसा आया जब उन्होंने कहा, 'अरे यार अधीर रंजन! मैं एक बात कह रहा था कि एक नेता लिखा हुआ ही पढ़ते थे.. तुम भी वो स्क्रिप्ट पढ़ने लगे यार. ऐसा मत करो.' इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने जमकर ठहाके लगाए. अधीर ने आपत्ति जताई तो शाह ने कहा कि मेरे 32 साल किसी न किसी सदन में हो गए, मैंने आज तक कभी लिखा हुआ भाषण पढ़ा नहीं है. कुछ समय बाद ही संसद में गहमागहमी के केंद्र में एक पूर्व जज आ गए.
370...तब क्यों नहीं रोका
जी हां, शाह विधेयक की विशेषताएं बता रहे थे. तभी किसी सदस्य ने खड़े होकर कहा, 'दादा धैर्य से सुनना पड़ेगा, अंत में बताऊंगा. कुछ कानूनी और संवैधानिक मुद्दे खड़े किए गए. कहा गया कि जिस कानून में आप संशोधन लेकर आए हो, वह कानून ही कोर्ट के सामने चैलेंज किया गया है.' शाह ने आगे कहा कि मसूदी साहब तो हाई कोर्ट के जज रहे हैं, विद्वान न्यायधीश रहे हैं. अधिवक्ता अच्छे ही होंगे तभी तो जज बने होंगे. (इस पर कुछ सदस्यों ने जोर का ठहाका लगाया) थोड़ा रुक कर शाह ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि धारा 370 भी काफी साल तक चैलेंज में रही. क्यों नहीं रोका उसको? आज आपको कानून की मर्यादा याद आ रही है. फिर भी मैं कहना चाहता हूं आप पिटिशनर हो. स्टे मांगा गया था, सुनवाई हुई और न्यायाधीशों ने स्टे देने से इनकार किया. मैं बहुत जिम्मेदारी से बोल रहा हूं कि कोई स्टे नहीं है.
अधीर और फारूक के बीच में बैठे थे मसूदी
मसूदी फिर खड़े हुए और कहा कि एडमिट किया गया था. इस पर शाह बोले कि नहीं, एडमिट करने से कुछ नहीं होता है, स्टे करना पड़ता है. संसद में शोर बढ़ गया. इसके बाद मुस्कुराते हुए शाह ने तंज कसा, 'आप तो जज रहे हैं साहब. ऊपर वाले से तो डरिए. फारूक साहब से इतना मत डरिए.' फारूक अब्दुल्ला बगल में बैठे थे. उनका जिक्र हुआ तो वह खड़े हो गए. इस पर आदर दिखाते हुए शाह चुपचाप बैठ गए. फारूक ने कहा कि मैं किसी को डराता नहीं. आप लोगों का काम है डराना. उन्होंने आगे कहा कि मैं जवाब बाद में दूंगा तो शाह ने पलटवार किया कि नियमों के अनुसार आप नहीं दे सकते.
शाह जिस पूर्व जज की बात कर रहे थे उनका पूरा नाम हसनैन मसूदी है. वह नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के सांसद हैं. वह जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के पूर्व जज रहे हैं. आज वह लोकसभा में अधीर रंजन और फारूक अब्दुल्ला के बीच में बैठे थे. कई बार कैमरे में वह दिखे भी.