Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ यात्रा आज से शुरू हो गई है. 60 हज़ार सुरक्षाबल भोले के भक्तों की सुरक्षा में तैनात हैं. 100 से अधिक सेवादारों ने पवित्र यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लंगर लगाए हैं.
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Amarnath Yatra first darshan: इस साल की अमरनाथ यात्रा आज 1 जुलाई से शुरू हो गई है. बाबा अमरनाथ बर्फानी के भक्त पहलगाम और बालटाल के रास्ते पवित्र गुफा की ओर निकल पड़े हैं. यात्रा के लिए 3488 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बेस कैंप से अपने-अपने निर्धारित प्वाइंट पर पहुंचा था. दोनों रूट पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. दक्षिण कश्मीर के हिमालय की पहाड़ियों में 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाबा की गुफा की 62 दिन की यात्रा में सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर खास ध्यान रखा जा रहा है. क्योंकि आतंकी संगठन टीआरपी ने यात्रा को लेकर धमकी जारी की थी.
CRPF और J&K पुलिस कर रही रखवाली
सुरक्षा का ज़्यादातर ज़िम्मा सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस को सौंपा गया है. जम्मू से लेकर कश्मीर फिर अनंतनाग ने गुफा और अनंतनाग से बालटाल हर जगह चप्पे चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात हैं. पुलिस, सीआरपीएफ, सेना, बीएसएफ और एसएबीसी ने कॉर्डिनेटेड सुरक्षा प्लान बनाया है. जम्मू से लेकर पवित्र गुफा तक दोनों रास्तों पर कड़े सुरक्षा के प्रबंध किये गए है. दिन-रात गश्त हो रही है. लक्ष्य है कि यात्रा ठीक ठाक और सुरक्षित चले.
केंद्र ने अमरनाथ यात्रा के लिए बहु स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीआरपीएफ के 40000 अतरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है. एक अनुमान के तहत जम्मू से लेकर पवित्र गुफा तक पहलगाम और बालटाल दोनों रास्तों पर स्थानीय सुरक्षाकर्मियों के अलावा 60 हज़ार और सुरक्षाबल तैनात रहेंगे जिन्हें सिर्फ यात्रा के लिए लगाया गया है. मौसम को देखते सुरक्षाबलों और प्रशसन ने भी यात्रा के दौरान किसी आपातकाल सिथिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की है. डिसास्टर मैनेजमेंट, एसडीआरएफ़, एनडीआरएफ की दर्जनों टीमोंके को यात्रा के दोनों रास्तों पर तैनात किया गया है.
जीपीएस से निगरानी
यात्रा को सुरक्षित और सरल करने के लिए नवीनतम तकनीकों और उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है. टेक्नॉलजी बहुत अहम रोल निभा रही है. इसलिए टेक्नोलॉजी को भी अपग्रेड किया है, जिसमें RFID (रेडियो फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफ़िकेशन) गाड़ियों के ऊपर लगी है. जितने भी यात्री आएंगे उनकी टैगिंग होगी. जिससे यात्रियों की पोज़िशन पता रहेगी, साथ ही सीसीटीवी कैमरा का इस्तमाल किया जा रहा हैं. यह आईपी बेस्ड कैमरा हैं जिसे लाइव फीड ली जा सकेगी.
ऐसा भव्य इंतजाम
भोले की गुफा के पारंपरिक रास्ते पर लगे बेस कैम्प नुनवन बेस कैंप में यात्रियों की रहने और खाने पीने की पूरी विवस्था कि गई हैं बेस कैंप से गुफा तक क़रीब 100 लंगर लगाये गये हैं. दुकानें और टेंट लगाए है. स्वास्थ्य चिकित्सा टीम अलर्ट है. डॉक्टरों की तैनाती है. इसी तरह से एटीएम और बस सर्विस हर तरह की सुविधा रखी गई है.
बेस कैंप में प्रथम पूजा और आरती
यात्रा की सुरक्षा और सुखमय यात्रा के लिए बेस कैंप में प्रथम पूजा और आरती की गई. इस वर्ष पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी, माता पार्वती और पुत्र गणेश पूरे अकार में प्रकट हुए हैं. जिससे उम्मीद है कि काफी दिनों तक श्रद्धालुओं को पवित्र शिवलिंग के दर्शन होंगे. अमरनाथ श्राइन बोर्ड के आदेश मुताबिक हर दिन 15000 यात्रियों को दोनों रास्तों से प्रति दिन गुफा तक जाने की अनुमति होगी, वो भी केवल रेजिस्टरड यात्रियों को. पैदल यात्रा के इलावा हैलीकॉप्टर सर्विस की भी सुविधा दोनों मार्गों से उपलब्ध है. तीन महीने पहले यात्रियों के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की गई थी और अबतक आंकड़ों के मुताबिक करीब 3 लाख 40 हजार भक्तों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
शनिवार को बालटाल रूट से जाने वाले भक्तों को पहले ही दिन बाबा के दरबार में दर्शन का सौभाग्य मिलेगा, जबकि पहलगाम रूट से कुछ दिन बाद भक्तजन दरबार में पहुंचेंगे.