Parliament Entry Process: अगर दर्शक के तौर पर संसद में किसी को एंट्री लेनी है तो उसको गहन जांच-पड़ताल से गुजरना होगा. इसको लेकर नए नियम जारी कर दिए गए हैं.
Trending Photos
New Entry System For Praliament: संसद भवन में एंट्री को लेकर नियम बदल गए हैं. पिछले साल 13 दिसंबर को संसद में हुई घटना (Parliament Security Breach) के बाद नियमों में बदलाव किया गया है. बता दें कि जो लोग दर्शक के तौर पर संसद में आना चाहते हैं, उनकी गहन जांच होगी. इसके अलावा उन्हें एंट्री के लिए स्मार्ट कार्ड भी दिया जाएगा. इसके अलावा उनकी बायोमैट्रिक भी कराई जाएगी. इसका मतलब साफ है कि पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही अब किसी को संसद में एंट्री मिल पाएगी. 13 दिसंबर की घटना दोबारा ना हो, इसको ध्यान में रखकर नए नियम बनाए गए हैं. आइए दर्शकों के लिए संसद में एंट्री के प्रोसेस को 5 प्वाइंट में समझ लेते हैं.
संसद में अब कैसे मिलेगी एंट्री?
- संसद की कार्यवाही को देखने वाले दर्शकों के लिए नई व्यवस्था होगी. हर विजिटर को आवेदन करना होगा.
- आवेदन मंजूर होने के बाद दर्शक के मोबाइल पर एक क्यूआर कोड आएगा.
- क्यूआर कोड और अपना आधार कार्ड दिखाने के बाद हर विजिटर का बॉयोमैट्रिक होगा.
- इसके बाद फोटो लिया जाएगा और तब हर विजिटर को एंट्री का स्मार्ट कार्ड मिलेगा.
- हर गेट पर स्मार्ट कार्ड दिखाने और बायोमैट्रिक की पुष्टि के बाद ही एंट्री मिलेगी.
संसद की सुरक्षा में चूक
जान लें कि पिछले साल 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक हुई थी. संसद में विंटर सेशन चल रहा था और तभी दो लोग विजिटल गैलरी से लोकसभा में कूद गए और वहां हंगामा मचा दिया. इतना ही नहीं, दो अन्य उपद्रवी लोकसभा में एंट्री नहीं ले पाए तो उन्होंने संसद परिसर के गेट पर ही हंगामा कर दिया. कलर स्मोक पटाखा जलाया और रंगीन धुआं फैला दिया. इसके बाद संसद की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे थे. चौंकाने वाली बात ये भी थी कि ये सब 13 दिसंबर को संसद पर 2001 वाले हमले की बरसी के दिन हुआ था.
13 दिसंबर को क्या हुआ था?
बता दें कि पिछले साल 13 दिसंबर को लोकसभा में लखनऊ का सागर शर्मा और कर्नाटक का मनोरंजन एंटर कर गए थे. फिर ये दोनों विजिटर गैलरी से कूदकर वहां पहुंच गए, जहां सांसद बैठते हैं. इन दोनों ने स्पीकर के आसन की तरफ जाने की कोशिश की, लेकिन सांसदों ने इन्हें बीच में पकड़ लिया. हालांकि, पकड़े जाने से पहले उन्होंने कलर स्मोक वाला पटाखा अपने जूते से निकाल कर जला दिया, जिससे रंगीन धुआं लोकसभा में फैल गया था. इस घटना के बाद संसद की सुरक्षा का रिव्यू किया गया और दर्शकों की एंट्री के लिए नए नियम बनाए गए.