डायबिटीज पेशेंट की गर्दन क्यों हो जाती है काली? जानें क्‍या है इंसुलिन रेजिस्टेंस
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डायबिटीज पेशेंट की गर्दन क्यों हो जाती है काली? जानें क्‍या है इंसुलिन रेजिस्टेंस

डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकती है. अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है.

डायबिटीज पेशेंट की गर्दन क्यों हो जाती है काली? जानें क्‍या है इंसुलिन रेजिस्टेंस

डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकती है. अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है, जिनमें स्ट्रोक, नर्वस सिस्टम, अंधापन और यहां तक कि मृत्यु भी शामिल है. डायबिटीज सिर्फ हमारे अंदरूनी अंगों को ही नहीं, बल्कि हमारी स्किन (खासकर गर्दन) को भी प्रभावित कर सकता है.

अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार, डायबिटीज के कारण गर्दन के पिछले हिस्से पर काले धब्बे पड़ सकते हैं. ये धब्बे मोटे, गहरे रंग के होते हैं और अक्सर उभरे हुए नजर आते हैं. इनका आकार हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है. गर्दन के अलावा ये धब्बे शरीर के अन्य हिस्सों जैसे बगल, कमर, कोहनी के नीचे आदि जगहों पर भी दिखाई दे सकते हैं.

इंसुलिन रेजिस्टेंस क्या है?
एकेन्थोसिस नाइग्रिकंस (Acanthosis Nigricans) इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत हो सकता है. ये धब्बे स्किन की सेल्स में इंसुलिन के ज्यादा लेवल के कारण होते हैं. ये आमतौर पर टाइप-2 डायबिटीज या मोटापे से ग्रस्त लोगों में पाए जाते हैं. इनका संबंध पाचन तंत्र के कैंसर जैसी अन्य मेडिकल कंडीशन से भी हो सकता है.

गर्दन पर पड़े काले धब्बों का इलाज?
फिलहाल, डायबिटीज के कारण पड़े धब्बों को हटाने के लिए कोई सर्टिफाइड मेडिकल इलाज नहीं है. लेकिन आप हमेशा अपने स्किन एक्सपर्ट से बात कर सकते हैं कि क्या कोई संभावित समाधान है. इन काले धब्बों से बचने के तरीकों में से एक हेल्दी डाइट का पालन करना है. यह आपको मोटापे से बचाएगा और इससे इस स्किन की स्थिति होने की संभावना कम हो जाएगी या ये धब्बे धीरे-धीरे कम हो जाएंगे.

डायबिटीज मरीज कैसे सुनिश्चित करें सही रूटीन?
डायबिटीज से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए मरीजों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने हेल्थ एडवाइजर द्वारा दिए गए सभी सुझावों का पालन करें. डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति के लिए तीन मुख्य सुझाव निम्नलिखित हैं.

1. पौष्टिक आहार लें: डायबिटीज मरीजों को ऐसी डाइट लेनी चाहिए जो फाइबर से भरपूर हो और कार्बोहाइड्रेट कम हों. इसमें हाई कैलोरी वाली चीजें नहीं होनी चाहिए. आपको उन ड्रिंक्स से भी बचना चाहिए जिनमें बहुत अधिक चीनी होती है. इसके बजाय, आप हर्बल चाय, फलों का जल आदि का विकल्प चुन सकते हैं.

2. नियमित व्यायाम करें: टाइप-2 डायबिटीज के प्रमुख कारणों में से एक मोटापा है. मोटापे से बचने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप नियमित रूप से व्यायाम करें. किसी भी प्रकार का व्यायाम शुरू करने से पहले आपको हमेशा अपने डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से बात करनी चाहिए, क्योंकि इससे आपका शुगर लेवल कम हो सकता है.

3. अपने शुगर लेवल की हमेशा जांच करें: डायबिटीज रोगी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे नियमित रूप से अपने शुगर लेवल की निगरानी करें. इसके लिए आप कॉम्पैक्ट शुगर टेस्टिंग मशीन का उपयोग कर सकते हैं जो जल्दी और सटीक परिणाम देती है. अपना शुगर लेवल जानने के बाद, आप अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में सही बदलाव कर पाएंगे.

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