बच्चों को उनके वजन को लेकर चिढ़ाना या ताना मारना एक आम बात सी लग सकती है. लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि ऐसा करना बच्चों के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है.
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बच्चों को उनके वजन को लेकर चिढ़ाना या ताना मारना एक आम बात सी लग सकती है. लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि ऐसा करना बच्चों के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है. यह उनकी शारीरिक छवि (बॉडी इमेज) को लंबे समय तक खराब कर सकता है.
यह अध्ययन जर्नल ऑफ डेवलपमेंटल साइकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है. इसमें शोधकर्ताओं ने 10 साल की उम्र के करीब 400 बच्चों पर अध्ययन किया. इन बच्चों से उनके वजन और शारीरिक बनावट के बारे में उनके माता-पिता, दोस्त और दूसरे लोगों द्वारा की गई टिप्पणियों के बारे में पूछा गया. कुछ समय बाद, शोधकर्ताओं ने फिर से इन बच्चों से बातचीत की और उनकी शारीरिक छवि का मूल्यांकन किया.
अध्ययन के नतीजे चौंकाने वाले
जिन बच्चों को उनके वजन को लेकर चिढ़ाया जाता था, उनमें अस्वस्थ शरीर की छवि विकसित होने का खतरा ज्यादा पाया गया. वजन को लेकर की जाने वाली ये टिप्पणियां बच्चों के आत्मविश्वास को कम करती हैं और उन्हें अपने शरीर से नफरत करने की भावना पैदा कर सकती हैं. ये बच्चे भविष्य में अस्वस्थ खानपान की आदतों को अपना सकते हैं. अध्ययन के मुख्य लेखक का कहना है कि माता-पिता और बच्चों के साथियों को बच्चों के वजन को लेकर टिप्पणी करने से बचना चाहिए. इससे बच्चों के मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है.
बच्चों की स्वस्थ बॉडी इमेज के लिए क्या करें?
- बच्चों के साथ हेल्दी खानपान की आदतों को बढ़ावा दें.
- बच्चों को व्यायाम करने के लिए प्रेरित करें.
- बच्चों की तारीफ करें, खासकर उनकी उपलब्धियों की.
- बच्चों को उनके शरीर का सम्मान करना सिखाएं.
बच्चों का बचपन बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस दौरान उनकी आदतें और आत्मविश्वास का निर्माण होता है. इसलिए जरूरी है कि हम बच्चों के साथ पॉजिटिव व्यवहार करें और उनकी शारीरिक छवि को खराब होने से बचाएं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.