Causes Of Headache: सिर के पिछले हिस्से में दर्द आम बात है, लेकिन इसके पीछे के कारणों को समझना बहुत जरूरी है. क्योंकि यह कई बार गंभीर बीमारियों की शुरुआत का संकेत हो सकता है.
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सिर का दर्द एक आम समस्या है, जिसका सामना हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी जरूर करता है. सिर दर्द कई तरह से होता है. इसमें सिर के पिछले हिस्से में होने वाला दर्द कई लोगों के लिए चिंता का विषय होता है. क्योंकि यह दर्द नॉर्मल सिरदर्द से थोड़ा अलग होता है. कई बार इसका दर्द इतना तेज होता है कि तकिए पर सिर रखकर सोना तक मुश्किल हो जाता है. ऐसे में यदि आप भी अक्सर इस तरह के सिर दर्द से परेशान रहते हैं, तो इसके पीछे संभावित कारणों को यहां जान लीजिए-
तनाव और चिंता
जब आप तनाव में होते हैं, तो मांसपेशियां कस जाती हैं, विशेषकर गर्दन और कंधों में. यह तनाव सिर के पिछले हिस्से में दर्द का कारण बन सकता है. तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान और नियमित व्यायाम करें.
गलत तरीके सोना
यदि आपने हाल ही में किसी भारी चीज को उठाया है या गलत तरीके से सोया है, तो यह आपके मांसपेशियों में खिंचाव पैदा कर सकता है. गर्दन और कंधों की मांसपेशियों का खिंचाव सिर के पिछले हिस्से में दर्द का एक सामान्य कारण है. मांसपेशियों को आराम देने के लिए हल्की स्ट्रेचिंग और गर्म सेंक करना फायदेमंद हो सकता है.
माइग्रेन
हालांकि माइग्रेन आमतौर पर सिर के एक तरफ होता है, लेकिन कभी-कभी यह सिर के पिछले हिस्से में भी दर्द का कारण बन सकता है. माइग्रेन के दौरान, व्यक्ति को मतली, उल्टी, और प्रकाश या ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता भी महसूस हो सकती है. माइग्रेन के दौरे को कम करने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना और उचित दवाइयों का उपयोग करना आवश्यक है.
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सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस
सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस या गर्दन के जोड़ों का विकार, उम्र बढ़ने के साथ होता है. यह स्थिति गर्दन में दर्द और ऐंठन के साथ-साथ सिर के पिछले हिस्से में भी दर्द का कारण बन सकती है. ऐसा गर्दन की मांसपेशियों के कमजोर होने और जोड़ों के घिसने के कारण होता है. नियमित व्यायाम और फिजियोथेरेपी से इससे छुटकारा पाया जा सकता है.
हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर भी सिर के पिछले हिस्से में दर्द का एक कारण हो सकता है. जब ब्लड का प्रेशर बढ़ता है, तो यह सिर के खून की नलियों पर दबाव डालता है, जिससे दर्द महसूस होता है. इस स्थिति के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है, क्योंकि इसे नियंत्रित करने के लिए उचित दवाओं की आवश्यकता हो सकती है. इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल जीवनशैली अपनाना बीपी को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकती है.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.