बॉडी बनाने के लिए 20 दिनों से लड़का निगल रहा था सिक्के- चुंबक, डॉ. ने ऐसे बचाई जान
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बॉडी बनाने के लिए 20 दिनों से लड़का निगल रहा था सिक्के- चुंबक, डॉ. ने ऐसे बचाई जान

बॉडी बिल्डिंग के लिए लड़के क्या नहीं करते, लेकिन इस व्यस्क लड़के ने जो किया वह सोच से परे है. इसने कई सारे सिक्के और चुंबक को बस इसलिए निगल लिया ताकि शरीर में जिंक की मात्रा बढ़े और उसकी अच्छी बॉडी बन जाए. हालांकि अब वह खतरे से बाहर है लेकिन उसका इलाज करने वाले डॉक्टर का कहना है कि ऐसा करने से वह मर भी सकता था.

बॉडी बनाने के लिए 20 दिनों से लड़का निगल रहा था सिक्के- चुंबक, डॉ. ने ऐसे बचाई जान

दिल्ली में रहने वाले एक 26 साल के युवक के पेट से 39  सिक्के और 37 चुंबक के मिलने की खबर सामने आयी है. बता दें कि लड़का सिजोफ्रेनिया नाम की मानसिक बीमारी का मरीज था. इस कंडीशन में मरीज के सोचने, समझने और महसूस करने की शक्ति नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है. 

इस मामले की जानकारी सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने TOI को बताया कि लड़का लगभग 20-22 दिनों से सिक्कों और चुंबक को यह सोचकर निगल रहा था कि इसमें मौजूद जिंक से उसकी अच्छी बॉडी बन जाएगी. वरिष्ठ सलाहकार, लेप्रोस्कोपिक, लेजर और सामान्य सर्जरी, डॉ. तरुण मित्तल ने यह भी बताया कि सर्जरी के दौरान मरीज पेट से  1, 2 और 5 रुपये के 39 सिक्के और कई आकार के मेगनेट मिले हैं. 

इन लक्षणों के बाद परिवार ने पहुंचा अस्पताल

डॉक्टरों के मुताबिक, मरीज 20 दिनों से अधिक समय से बार-बार उल्टी और पेट में दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में आया था. वह कुछ भी नहीं खा पा रहा था. उसके रिश्तेदारों ने डॉक्टरों को बताया कि उसने पिछले 20-22 दिनों से सिक्के और चुंबक खाए हैं. उन्होंने उसके पेट का एक एक्स-रे किया जिसमें सिक्कों और चुम्बकों के आकार सा कुछ नजर आया. बाद में उनका सीटी स्कैन भी कराया गया, जिसमें भारी मात्रा में सिक्के और चुंबक दिखाई दिए.

इस तरह बची मरीज की जान

डॉ. मित्तल ने बताया कि मरीज को तुरंत सर्जरी के लिए तैयार किया गया. इसके अलावा सिक्के और चुंबक के ढेर को निकालना नामुमकिन था. ऑपरेशन के दौरान, यह पाया गया कि चुंबक और सिक्के दो अलग-अलग लूपों में छोटी आंत में मौजूद थे. चुंबकीय प्रभाव ने दोनों लूपों को एक साथ खींच रखा था. जिसके बाद आंतों को खोला गया और सिक्के और चुंबक बाहर निकाले गए.  

इतने घंटे चली सर्जरी

डॉ. ने बताया कि सर्जरी लगभग दो घंटे तक चली. इस सर्जरी के लिए डॉक्टरों की पूरी एक टीम को लगना पड़ा. जिसमें डॉ. मित्तल, सलाहकार डॉ. आशीष डे और डॉ. अनमोल आहूजा, नैदानिक सहायक डॉ. विक्रम सिंह और रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. तनुश्री और डॉ. कार्तिक शामिल थे.

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