Apple Products in Indian Market: अगर आपको लगता है कि Apple अपने प्रोडक्ट्स को एक झटके में कैसे बेच लेता है तो, आपके सवाल का जवाब है आपका दिमाग, जी हां, एप्पल प्रोडक्ट्स बेचने के लिए आपके दिमाग का इस्तेमाल करता है.
Trending Photos
Apple Strategy to Sell Products: आपने अगर ध्यान दिया हो तो पाया होगा, Apple के महंगे से महंगे प्रोडक्ट्स तेजी से बिक जाते हैं और पूरी तरह से आउट ऑफ़ स्टॉक हो जाते हैं. इनकी कीमत साधारण एंड्रॉयड स्मार्ट प्रोडक्ट्स से तीन से चार गुना ज्यादा होती है, इसके बावजूद भी इनकी बिक्री हाथो-हाथ होती है. लोगों को लगता होगा कि जिसके पास बजट है वही इसे खरीदना है, तो आप गलत हैं. दरअसल लाखों लोग फाइनैंस ऑप्शन अपनाकर Apple iPhone से लेकर Earbuds और iMac खरीदते हैं. दरअसल उनका बजट नहीं होता है फिर भी यूजर्स इन्हें खरीदते हैं. ऐसे में आपको अभी तक ये बात समझ नहीं आई है तो अब हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं कि आखिर इसके पीछे का कारण क्या है.
साइकोलॉजिकल ट्रिक्स अपनाता है Apple
आप यकीन नहीं मानेंगे लेकिन अपने प्रोडक्ट्स को धड़ल्ले से बेचने के लिए एप्पल साइकोलॉजिकल ट्रिक्स अपनाता है, सीधे शब्दों में कहें तो Apple अपने प्रोडक्ट्स को फटाफट बेचने के लिए आपके दिमाग से खेलता है और आपको पता भी नहीं चलता है. ये बात जानने के बाद आपको शायद हैरानी होगी और आपको शायद इस पर यकीन करने में भी मुश्किल होगा लेकिन असल में ऐसा ही है. दरअसल Apple अपने स्टोर्स ओर इन ट्रिक्स को आजमाता है जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को कानों-कान भनक तक नहीं लगती है. अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो चलिए हम आपको उदाहरण से समझाते हैं.
स्टोर पर इस ऐंगल पर रखे जाते हैं
आप अगर हाल फिलहाल में मुंबई और दिल्ली में खोले गए स्टोर्स पर गए होंगे तो आपने देखा होगा कि यहां मौजूद लैपटॉप्स को आप अपने हाथ से ओपन करते हैं तब जाकर इनके डिस्प्ले को देखा जा सकता है. दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लैपटॉप्स के डिस्प्ले को 76 डिग्री के अटपटे कोंण पर सेट किया जाता है, जिससे डिस्प्ले दिखती जरूर है लेकिन आपको इसे ठीक से एक्सपीरियंस करने के लिए अपने हाथ से ओपन करना पड़ता है. ये उन्हें साइकोलॉजिकल ट्रिक्स में से एक ट्रिक है.
कोई भी iPhone मॉडल इस्तेमाल कर सकते हैं यूजर्स
आपको बता दें कि एप्पल स्टोर पर सारे आईफोन मॉडल्स आपको ऐसे ही देखने को मिल जाते हैं जिन्हें आप खुद चला कर ट्राई कर सकते हैं और इन्हें अच्छी तरह से एक्सपीरियंस कर सकते हैं. ये एक और साइकोलॉजिकल ट्रिक है. दरअसल जब आप किसी स्मार्टफोन या किसी डिवाइस को अपने हाथ में लेकर इस्तेमाल करते हैं तो वो आपकी अपने डिवाइस वाली फीलिंग देता है. इसी वजह से बहुत से यूजर आईफोन को खरीदने से खुद को रोक नहीं पाते हैं.