Soan Papdi Sweet: भारत में सोन पापड़ी को खूब पसंद से खाया जाता है लेकिन बहुत कम लोग इसके इतिहास के बारे में जानते हैं. आइए जानते हैं कि सोन पापड़ी कहां से आई थी और इसका इतिहास क्या है.
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Indian Sweets: कोई भी त्योहार हो सबसे ज्यादा बिकने वाली मिठाई सोन पापड़ी होती है. यहीं नहीं ये मिठाई सबसे ज्यादा गिफ्ट के रूप में भी दी जाती है. सोन पापड़ी खाने में बहुत टेस्टी लगती है. ये इतनी सॉफ्ट होती है कि मुंह में रखते ही घुल जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ये मिठाई आई कहां से? तो आइए इस मिठाई का इतिहास जानते हैं.
महाराष्ट्र से हुई शुरुआत
सोन पापड़ी तुर्की की एक मिठाई पिस्मानिये से प्रेरित है. भारत में सोन पापड़ी बनाने की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी. वैसे आपको बता दें कि पिस्मानिये बनाते समय बेसन की जगह आटे का यूज किया जाता है. पिस्मानिये को आटा, बटर, चीनी और पिस्ता डालकर बनाते हैं.
भारत में बेसन से बनती है सोन पापड़ी
भारत में सोन पापड़ी को बेसन, चीनी और खरबूज के बीजों का यूज करके बनाया जाता है. देश में इस मिठाई को अलग-अलग नाम जैसे कि सोन पापड़ी, सान पापड़ी, शोमपापड़ी और सोहन पापड़ी से जाना जाता है. आपको बता दें कि पतीसा सोन पापड़ी को ठोस रूप होता है इसलिए ये सोन पापड़ी से खाने में थोड़ा कड़ा होता है.
उत्तर भारत में खूब की जाती है पसंद
सोन पापड़ी महाराष्ट्र में लोगों द्वारा काफी पसंद की गई. उसके बाद ये धीर-धीरे वहां से निकल कर दूसरे जगहों पर जैसे कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और गुजरात में पहुंची. सोन पापड़ी सबसे ज्यादा फेमस उत्तर भारत में हुई. आज उत्तर भारत के लोग इसे खूब चाव से खाते हैं. मिठाई को पिस्ता से सजाकर सर्व किया जाता है.
नहीं होती है महीनों तक खराब
सोन पापड़ी को इसके बेमिसाल स्वाद के लिए पसंद किया जाता है. लेकिन इसे सबसे ज्यादा पसंद इसलिए किया जाता है क्योंकि ये जल्दी खराब नहीं होती है और महीनों तक चलती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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