क्या पंजाब में किसी राजनीतिक परिवर्तन की आहट है? 2024 लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज
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क्या पंजाब में किसी राजनीतिक परिवर्तन की आहट है? 2024 लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज

Punjab Elections: राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के मजबूत प्रदर्शन की संभावना है. लेकिन बीजेपी और अकाली दल भी तगड़ा चुनाव लड़ सकती हैं. इससे चुनाव में मुकाबला और कड़ा हो सकता है.

क्या पंजाब में किसी राजनीतिक परिवर्तन की आहट है? 2024 लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज

Lok Sabha Elections 2024: पंजाब में लोकसभा चुनाव 2024 में 13 संसदीय सीटों पर कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है. वर्तमान में कांग्रेस के पास 7 सीटें हैं, बीजेपी के पास 2, शिरोमणि अकाली दल बादल (SAD-B) के पास 2, आम आदमी पार्टी (AAP) के पास 1 और शिरोमणि अकाली दल-अमृतसर (SAD-A) के पास 1 सीट है. 2019 के लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 7 सीटें जीती थीं, बीजेपी ने 2, SAD-B ने 2 और AAP ने 1 सीट जीती थी. हालांकि, 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों में AAP ने 92 सीटों के साथ सत्ता हासिल की, जबकि कांग्रेस केवल 18 सीटों पर सिमट गई.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी AAP के लिए मजबूत प्रदर्शन की संभावना है. हालांकि, बीजेपी और SAD-B भी गठबंधन कर चुनाव लड़ सकती हैं, जिससे चुनाव में मुकाबला और कड़ा हो सकता है.

बदलावों ने चुनावी परिदृश्य को और जटिल बना दिया
पंजाब के राजनीतिक माहौल में हालिया बदलावों ने चुनावी परिदृश्य को और जटिल बना दिया है. 2022 के विधानसभा चुनावों में, मतदाताओं ने क्षेत्रीय मुद्दों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया था. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों में, राष्ट्रीय मुद्दे भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

नाटकीय बदलाव देखने को मिला
उप-चुनावों में भी नाटकीय बदलाव देखने को मिला, जब आप संगरूर सीट हार गई, लेकिन सुशील कुमार रिंटू की बदौलत आप ने जालंधर सीट जीतकर इसकी भरपाई कर ली. एसएडी (ए) के सिमरनजीत सिंह मान ने संगरूर सीट पर दोबारा कब्जा कर लिया. 2019 के चुनावों में, SAD उम्मीदवार छह सीटों पर उपविजेता रहे, उसके बाद पांच INC उम्मीदवार रहे, जो एक करीबी मुकाबले वाले राजनीतिक माहौल का संकेत देता है. 

अकाली दल और बीजेपी की सहयोगी ताकतें, जो 2020 में अलग हो गईं, अब संभवतः 2024 के चुनावों से पहले फिर से एकजुट होने की अटकलें हैं. संभावित कांग्रेस-आप गठबंधन की अफवाहें इस साज़िश को और बढ़ा रही हैं, एक ऐसा कदम जो मतदाताओं के निर्णयों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है. 2019 में पंजाब में कांग्रेस के लिए 40.12%, SAD के लिए 27.45%, बीजेपी के लिए 9.63% और AAP के लिए 7.38% वोट शेयर देखा गया. 

संभावित बदलाव का संकेत
हालांकि, 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों ने मतदाताओं की पसंद में उल्लेखनीय बदलाव का प्रदर्शन किया, जो संभावित बदलाव का संकेत देता है. राजनीतिक विशेषज्ञों की राय आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर है. जहां 2022 के राज्य चुनाव क्षेत्रीय चिंताओं को दर्शाते हैं, वहीं आगामी लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर केंद्रित हो सकते हैं. यह बदलाव चुनावी परिदृश्य को फिर से परिभाषित कर सकता है, जिससे पंजाब चुनाव राष्ट्रीय राजनीतिक मूड को मापने के लिए एक महत्वपूर्ण बैरोमीटर बन जाएगा. पंजाब में आगामी चुनाव सिर्फ सीटों की लड़ाई नहीं है. जैसे-जैसे पार्टियां रणनीति बना रही हैं और मतदाता अपने विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, पंजाब संभावित रूप से परिवर्तनकारी चुनावी अनुभव के शिखर पर खड़ा है.

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