India Maldives Row: चीन की बीन पर झूम रहे राष्‍ट्रपति मुइज्‍जू, फिर मालदीव को क्‍यों चाहिए भारत की मदद?
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India Maldives Row: चीन की बीन पर झूम रहे राष्‍ट्रपति मुइज्‍जू, फिर मालदीव को क्‍यों चाहिए भारत की मदद?

India Maldives Agreement: मालदीव ने अपने ब्यूरोक्रेट्स को भारत में ट्रेनिंग दिलाने से जुड़ा समझौता 2019 में किया था. चीन के साथ बढ़ी नजदीकियों और भारत संग तनाव के बीच मालदीव उस समझौते को रिन्यू करना चाहता है.

India Maldives Row: चीन की बीन पर झूम रहे राष्‍ट्रपति मुइज्‍जू, फिर मालदीव को क्‍यों चाहिए भारत की मदद?

India Maldives News in Hindi: चीन से पींगे बढ़ा रहा मालदीव चाहता है कि उसके ब्यूरोक्रेट्स को भारत में ट्रेनिंग मिलती रहे. उसने 2019 के मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) को रिन्‍यू करने के लिए पत्र लिखा है. इस MoU में तय हुआ था कि अगले पांच सालों के दौरान, एक हजार ब्यूरोक्रेट्स को भारत में ट्रेन किया जाएगा. माले से आए प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जा सकता है. द इकॉनमिक टाइम्‍स ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि विदेश मंत्रालय ने MoU को रिन्‍यू करने के पक्ष में राय दी है. MEA की यह राय मालदीव के राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद मुइज्‍जू के प्रो-चीन और भारत विरोधी रुख के बीच आई है. जिस MoU की बात हो रही है, वह उन पांच अहम समझौतों में से एक है जो जून 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा के दौरान हुए थे. दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद वह मोदी की पहली विदेश यात्रा थी. MoU की मियाद इस महीने खत्म हो रही है और मालदीव ने उसके रिन्यूअल की गुजारिश की है.

दोनों देश राजी हुए तो रिन्‍यू हो जाएगा समझौता

पांच साल के लिए हुआ यह समझौता फरवरी 2024 में पूरा हो रहा है. मालदीवियन ब्यूरोक्रेट्स के आखिरी बैच की ट्रेनिंग शुरू ही होने वाली है. 2019 से लेकर अब तक कुल 1,005 ब्यूरोक्रेट्स को ट्रेनिंग दी गई थी. MoU में दोनों पक्षों की सहमति से उसे रिन्यू करने का भी प्रावधान था. मालदीव ने इसी का हवाला देते हुए MoU रिन्यूअल पर भारत की सहमति मांगी है. भारत की मंजूरी पर यह MoU उन्‍हीं शर्तों के साथ पांच साल के लिए रिन्यू हो जाएगा.

ट्रेनिंग का खर्च भी भारत ने उठाया

मालदीव के ब्यूरोक्रेट्स को भारत न सिर्फ ट्रेन करता है, बल्कि ट्रेनिंग का सारा खर्च भी उठाता है. अभी तक 29 ऐसे ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जा चुके हैं और 30वां प्रोग्राम इस सप्ताह शुरू हो रहा है. विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2019 से भारत में विभिन्न संगठनों में मालदीव के ऑफिसर्स और ऑफिस-होल्डर्स के लिए 2,200 से ज्यादा इन-पर्सन ट्रेनिंग दी गई है.

चीन के इशारों पर नाच रहे मुइज्‍जू!

मुइज्‍जू की पूरी राजनीति ही भारत विरोध के इर्द-गिर्द घूमती है. मोदी ने जहां दूसरी बार PM बनने पर मालदीव जैसे छोटे देश को पहली विदेश यात्रा के लिए चुना था. वहीं, मुइज्‍जू जब मालदीव के राष्ट्रपति बने तो सबसे पहले चीन पहुंच गए. आमतौर पर मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति सबसे पहले नई दिल्‍ली आते हैं. मुइज्‍जू को राष्‍ट्रपति बने ज्‍यादा समय नहीं हुआ लेकिन उतने में ही भारत के साथ रिश्ते काफी बिगड़ गए हैं. मुइज्‍जू सरकार ने भारत से अपने सैनिकों को मालदीव से वापस बुलाने की डेडलाइन दे रखी है

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