Bollywood Villains and Their Sons: शोले के गब्बर यानि अमजद खान हो या सुपर विलेन अजीत...जब-जब ये खलनायक पर्दे पर आए तो इन्हें देख लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. इनकी एक्टिंग में भी दम था तो साथ वो किरदार भी दमदार थे जो इन्हें मिले. लेकिन आज हम इन सुपरहिट विलेन की बात नहीं करेंगे. बल्कि बात होगी इनके बेटों की जिन्होंने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए बॉलीवुड में कदम तो रखा लेकिन खास जगह ना बना पाए.
अमजद खान ने यूं तो कई फिल्मों में काम किया लेकिन आज भी शोले के गब्बर के रूप में उन्हें याद कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. अमजद के बाद उनके बेटे शादाब ने राजा की आएगी बारात से डेब्यू किया था लेकिन उनकी एक्टिंग लोगों को नहीं भाई और करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया.
अजीत खान भी अपने दौर के जबरदस्त विलेन में शुमार रहे. जिन्होंने यादो की बारात, प्रतिज्ञा, चरस, आजाद, राम बलराम जैसी फिल्मो में काम किया. इनके साथ ही फिल्मों में एंट्री ली उनके बेटे शहजाद ने जिन्होंने भी पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए नेगेटिव किरदार ही निभाए लेकिन उन्हें पिता जैसा मुकाम हासिल ना हो सका.
शक्ति कपूर किसी परिचय के मोहताज नहीं. 80 के दशक से उनका जलवा आज तक बरकरार है. उनके बेटे सिद्धांत कपूर ने भी एक्टिंग में ही किस्मत आजमाने की सोची लेकिन अभी तक उन्हें वो पहचान नहीं मिली है जो अब तक उन्हें मिल जानी चाहिए थी. 9 साल के करियर में उन्होंने अब तक 10 फिल्में ही की हैं.
डैनी डेनजोंगपा ने यूं तो इंडस्ट्री में हर तरह के किरदार निभाए लेकिन फिर भी उनकी गिनती सफल विलेन्स में ही की जाती है. उनके बेटे रिनजिंग डेनजोंगपा ने भी फिल्मों में काम करने की ठानी और वो जी5 की स्क्वाड में दिखे लेकिन ना तो फिल्म चली और ना ही डेनी के बेटे.
कबीर बेदी भी अपने करियर में हिट रहे हैं. जिन्होंने यूं तो हर तरह के किरदार निभाए लेकिन खलनायक के रोल में वो खूब जचे. कबीर बेदी के बाद उनके बेटे एडम बेदी ने भी एक्टिंग में जाने की ठानी. वो चरस और जैकपोट जैसी फिल्मों में भी दिखे. लेकिन फिर लोग बमुश्किल ही उन्हें जानते हैं.
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