Brahmastra VFX: ब्रह्मास्त्र की रिलीज के साथ हिंदी सिनेमा में वीएफएक्स की जबर्दस्त चर्चा है. 2011 में आई रा.वन पर लोगों का ध्यान गया है. जानकारों का मानना है कि अगर आज ब्रह्मास्त्र के वीएफएक्स लुभा रहे हैं, तो इसकी नींव रा.वन में रखी गई थी. यह अलग बात है फिल्म शुरुआती उफान के बाद जल्द ही नीचे आ गई थी.
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Shah Rukh Khan Film Ra.One: किसी राइटर को कहानी का आइडिया कभी भी, कहीं भी, किसी भी चीज को देख कर आ सकता है. लेखक-निर्देशक अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) को 2004-05 में टीवी देखते हुए एक विज्ञापन दिखा. वह विज्ञापन देखते हुए उन्हें फिल्म रा.वन (Ra.One) का आइडिया आ गया. इस विज्ञापन में दो बच्चे खेल-खेल में एक इंसान को रिमोट से कंट्रोल करने की कोशिश करते दिख रहे थे. तभी अनुभव सिन्हा को लगा कि क्यों न ऐसा रोबोटिक हीरो हो, जो रिमोट से कंट्रोल होता हो. फिर ऐसा ही विलेन भी हो. दोनों की टक्कर हो. उन्होंने इस आइडये को कागज पर उतार लिया और करीब तीन पन्नों की एक कहानी लिख दी. इस तरह उन्होंने एक सुपर हीरो और एक सुपर विलेन बनाया. शाहरुख खान को आइडिया पसंद आया. शाहरुख की कंपनी रेड चिलीज इसे प्रोड्यूस कर रही थी और सीईओ के रूप में संजीव उर्फ बॉबी चावला प्रोडक्शन का काम देख रहे थे. मार्च 2010 में फिल्म की शूटिंग शुरू हुई लेकिन अप्रैल 2010 में बॉबी को ब्रेन हैमरेज हो गया और शाहरुख की पत्नी गौरी खान को प्रोडक्शन में उतरना पड़ा. बॉबी जूही चावला (Juhi Chawla) की भाई थे. जिनका बाद में 2014 में निधन हो गया.
नाम खलनायक का
रा.वन में गेम डेवलपर शेखर ऐसा गेम बनाता है, जिसमें नेगेटिव ताकतों वाला किरदार रा.वन जिंदा होकर इस दुनिया में आ जाता है. शेखर उसके हाथों मारा जाता है. रा.वन अब शेखर के परिवार और समाज के लिए खतरा है. इस गेम का दूसरा मगर रा.वन से कमजोर किरदार है, जी.वन. अब जी.वन ही शेखर के परिवार और समाज को रा.वन से बचा सकता है. फिल्म का नाम भले रा.वन था, लेकिन इस कहानी का हीरो जी.वन था. रा.वन खलनायक था. अर्जुन रामपाल (Arjun Rampal) रा.वन बने थे. शाहरुख को कई लोगों ने कहा कि फिल्म का नाम हीरो पर होना चाहिए, लेकिन वह नहीं माने क्योंकि रा.वन साउंड अच्छा करता था. साथ ही शाहरुख का तर्क था कि शोले, मिस्टर इंडिया और सड़क जैसी फिल्में लोगों को उनके खलनायकों के लिए याद हैं. रा.वन धूमधाम से बनी और रिलीज हुई. प्रमोशन समेत इसका बजट 150 करोड़ रुपये पहुंच गया. फिल्म में जबर्दस्त वीएफएक्स थे और पहली बार हिंदी फिल्मों के वीएफएक्स में हॉलीवुड जैसी सफाई दिखी थी. डेढ़ साल तक 1200 वीएफएक्स आर्टिस्टों ने फिल्म पर काम किया था. फिल्म को 3डी वर्जन में भी रिलीज किया गया. यह हिंदी के साथ तमिल-तेलुगु में भी रिलीज की गई. अक्तूबर 2011 में रिलीज के समय मल्टीप्लेक्सों में 95 फीसदी शो रा.वन के ही थे.
सीक्वल की भी बातें
रिलीज होने पर रा.वन को बहुत अच्छी ओपनिंग मिली, लेकिन रिव्यू अच्छे नहीं मिले. कमजोर कहानी और कमजोर स्क्रीन प्ले की आलोचना हुई. दूसरे ही हफ्ते में कलेक्शन 84 फीसदी गिर गए और तीसरे हफ्ते में गिरावट 90 फीसदी हो गई. भारतीय बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का जादू नहीं चला और कलेक्शन लगातार नीचे आते रहे. हालांकि फिल्म ने ओवरसीज और दूसरे माध्यमों से कमाई कर ली. मेकिंग क दौरान ही फिल्म के सीक्वल (Ra.One Sequel) की भी बातें हुई. आज भी कभी यह चर्चा होती है. बाद में निर्देशक अनुभव सिन्हा ने यह कर सबको चौंका दिया कि तब इंडस्ट्री में ही कई लोग चाहते थे कि शाहरुख खान की रा.वन फ्लॉप हो जाए. ऐसा चाहने वालों में कुछ उनके दोस्त और नजदीकी कहे जाने वाले लोग भी थे.
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