Rekha Birthday: आखिर क्यों बुलाई विनोद मेहरा और रेखा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस, कॉकरोच से था इसका संबंध
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Rekha Birthday: आखिर क्यों बुलाई विनोद मेहरा और रेखा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस, कॉकरोच से था इसका संबंध

Rekha Marriage: रेखा के जीवन का एक अध्याय विनोद मेहरा के साथ रिलेशनशिप का भी है. दोनों ने साथ में फिल्में की. रोमांस हुआ. शादी हुई. लेकिन विनोद मेहरा की मां को रेखा पसंद नहीं आई. इसके बाद काफी ड्रामा हुआ.

 

Rekha Birthday: आखिर क्यों बुलाई विनोद मेहरा और रेखा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस, कॉकरोच से था इसका संबंध

Rekha Love Life: रेखा अपनी पर्सनल लाइफ के कारण हमेशा विवादों में रहीं. कई अभिनेता से उनका नाम जुड़ता रहा. उन्हीं में थे विनोद मेहरा. प्रेम के बाद दोनों की शादी की तक खबरें थी. लेकिन इस प्रेम कहानी के बीच में एक ही मुश्किल थी, विनोद मेहरा की मां. जो किसी भी कीमत पर अपने बेटे को रेखा के संग शादीशुदा नहीं देखना चाहती थीं. वह रेखा के बोल्ड किरदारों और विवादित बयानों के सख्त खिलाफ थीं. रेखा के मॉर्डन ख्याल उन्हें बिल्कुल पसंद नही थे. विनोद मेहरा और रेखा ने उन्हें बहुत समझाने की कोशिशें की पर वह टस से मस होने के लिए तैयार नहीं थी.

खाने में गिरा कॉकरोच
विनोद मेहरा की मां के न मानने से रेखा और विनोद मेहरा के बीच भी दूरियां बढ़ने लगी थी. अधिकतर वह लड़ते रहते थे. ऐसे ही एक झगड़े के बाद रेखा ने आत्महत्या करने कोशिश की. उन्होंने कॉकरोच मारने की दवा खा ली थी. तुरंत ही उन्हें डॉक्टर के पास ले जाया गया और वह बच गई. लेकिन जैसे ही यह खबर बाहर आई, हंगामा मच गया. रेखा जिन फिल्मों में काम कर रही थी, वे प्रोड्यूसर्स घबरा गए. इस बात को दबाने के लिए आखिरकार रेखा और विनोद मेहरा को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलानी पड़ी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों ने यही कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ. रेखा का कहना था कि उन्हें फूड पॉयजनिंग हो गई थी क्योंकि उनके खाने में कॉकरोच गिर गया था. हालांकि प्रेस वालों ने इस बयान को सच नहीं माना.

जब रेखा हो गई फेल
यह पहली बार नहीं था कि रेखा ने आत्महत्या की कोशिश की. जब वह 14 साल की थी तब भी उन्होंने इस तरह की कोशिश की थी. यह 1968 की बात है. 9वीं क्लास में जब वह फेल हुई थीं, तब उन्होंने यह कोशिश की थी. रेखा ने सुसाइड नोट लिखा था कि वह फिर से परीक्षा में फेल हो गई हैं और अब जीना नहीं चाहतीं. लेकिन डॉक्टर्स ने उन्हें बहुत कोशिशों के बाद बचा लिया. इस घटना के बाद मां ने उनकी पढ़ाई छुड़वा दी और वह फिल्में पाने के लिए स्ट्रगल करने लगीं. कन्नड़ और तमिल फिल्मों में उन्हें छोटे-मोटे रोल ही मिल पाए और फीस भी बेहद कम मिली. जिसके कारण उन्होंने मुंबई का रुख किया. मुंबई आए उन्हें एक महीना ही हुआ था कि उनके हाथ में चार फिल्में थीं. दो शिकारी, मेहमान, हसीनों का देवता और सावन भादों. सावन भादो उनकी पहली रिलीज हिंदी फिल्म थी. इसके बाद रेखा ने पलटकर नहीं देखा.

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