बधाई हो से चर्चित हुई नीना गुप्ता एक जाना माना नाम है. बहुत जल्द वे अपनी फैशन डिजाइनर बेटी मसाबा के साथ उसकी जिंदगी पर बनी वेब सीरीज मसाबा-मसाबा में उसकी मां का रोल निभाती दिखेंगी.
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सुपरहिट फिल्म 'बधाई हो' से चर्चित हुई नीना गुप्ता एक जाना माना नाम है. बहुत जल्द वे अपनी फैशन डिजाइनर बेटी मसाबा के साथ उसकी जिंदगी पर बनी वेब सीरीज 'मसाबा-मसाबा' में उसकी मां का रोल निभाती दिखेंगी. जब नीना गुप्ता अपनी और बेटी मसाबा की जिंदगी की बात करती हैं, तो एक बात हमेशा कहती हैं कि मुझे ये गलती नहीं करनी चाहिए थी.
कौन सी थी वो गलती
नीना गुप्ता ने अस्सी के दशक में छोटी-मोटी भूमिकाओं से अपना फिल्मी करियर शुरू किया. इसके बाद वे टीवी धारावाहिकों में काम करने लगीं और निर्देशन भी करने लगीं. नब्बे के दशक में उनका चर्चित सीरियल 'सांसें' बहुत हिट हुआ. नीना 1987 में वेस्ट इंडीज के क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स से दुबई में एक पार्टी में मिली. नीना और विवियन बहुत जल्द पास आ गए और नीना प्रेग्नेंट हो गईं. उन्हें अच्छी तरह पता था कि पहले से शादीशुदा विवियन उनसे शादी नहीं करेंगे. पर नीना ने बच्चे को जन्म देने का निर्णय लिया. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनका भावुकता में लिया गया यह निर्णय उन पर इतना भारी पड़ेगा. 1988 में मसाबा का जन्म हुआ. उस समय नीना के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि अपने सिजेरियन ऑपरेशन का खर्च उठा सके.
बेटी को बाप ना देने का दुख
नीना को लगता है कि एक शादीशुदा आदमी से प्रेम करना उनकी सबसे बड़ी गलती और भूल रही. हालांकि बेटी को जन्म देने को वो गलती नहीं मानतीं. पर उनका मानना है कि हमारा देश सिंगल मदर्स वो भी बिना शादी के बच्चे को अपनाने के लिए अभी तैयार नहीं है. मसाबा की जिंदगी पर बने इस वेब सीरीज में ये सारी बातें होंगी.
नीना का ज्ञान
बहुत बाद में, 2008 में जा कर नीना ने अपने छह साल पुराने चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रेमी विवेक मेहरा से शादी की. विवेक डिवोर्सी हैं और उनकी भी पहली शादी से दो बेटियां हैं. नीना हमेशा मुंबई में रही और विवेक दिल्ली में. हालांकि विवेक अब रिटायर हो चुके हैं और नीना काम कर रही हैं. नीना यह भी कहती हैं कि औरत अगर घर में रहे, ना कमाए तो कोई उनकी इज्जत नहीं करता.
बेटी की नजर में हिटलर
खुद अपनी मनमानी करने वाली नीना ने अपनी बेटी को बहुत सख्ती से पाला. बहुत से नियम कायदे थे. मसाबा मानती हैं कि उनकी मां हिटलर हैं. अब जा कर इतने सालों बाद वह अपने मन की बात मां को बता पाती है.