मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में लगातार विवाद जारी है. अब आखिरकार हेमा कमिटी रिपोर्ट को लेकर सुपरस्टार मोहनलाल ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने साफ कहा कि अगर ‘एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स’ (एएमएमए) के सदस्यों पर लगे सच में सही हैं और ठोस सबूत हैं तो सजा मिलनी चाहिए.
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मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में हंगामा मचा हुआ है, जबसे हेमा कमेटी रिपोर्ट सामने आई है. कई एक्ट्रेस और आर्टिस्ट ने शोषण का आरोप लगाया है. रोजाना बड़े खुलासे सामने आ रहे हैं. इतना ही नहीं, कई एफआईआर तक हो चुकी हैं. इन विवादों के बीच ‘एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स’ (एएमएमए) के पद से सुपरस्टार मोहनलाल ने इस्तीफा दे दिया था. मगर लगातार लोग उनसे सवाल कर रहे थे कि वह मलयाली इंडस्ट्री के इतने बड़े स्टार हैं लेकिन इतने गंभीर आरोपों पर चुप क्यों हैं. तो अब मोहनलाल ने चुप्पी तोड़ दी है और बयान जारी किया है.
शनिवार को मोहनलाल ने कहा कि वह मलयालम फिल्म उद्योग में किसी भी ताकतवर समूह का हिस्सा नहीं हैं. उन्हें इस क्षेत्र में ऐसे किसी समूह के अस्तित्व के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि मलयालम सिनेमा एक बहुत बड़ा उद्योग है, जहां हजारों लोग काम करते हैं और अभिनेताओं का संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स’ (एएमएमए) वहां उत्पन्न मुद्दों का समाधान नहीं कर सका.
आखिरकार मोहनलाल का आया जवाब
उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद लगाए गए आरोपों के मद्देनजर उनकी अध्यक्षता वाले संगठन की कार्यकारी समिति के सदस्यों ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया. यह पहली बार था कि एएमएमए के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे.
सबूत हैं तो गलत करने वालों को सजा मिलनी चाहिए
इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिला पेशेवरों के कथित उत्पीड़न और शोषण पर प्रकाश डाला गया है. ‘किरीदम’ जैसी फिल्मों के लिये प्रसिद्ध एक्टर मोहनलाल ने संगठन के कुछ सदस्यों के खिलाफ लगे यौन दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अगर गलत काम करने वालों के खिलाफ सबूत हैं, तो उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.’’
हेमा कमिटी रिपोर्ट के सपोर्ट में मोहनलाल
आगे वह कहते हैं, ‘‘मैं मलयालम सिनेमा में किसी भी ताकतवर समूह का हिस्सा नहीं हूं और ना ही ऐसे किसी समूह के अस्तित्व के बारे में जानकारी है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि हेमा समिति की रिपोर्ट को जारी किया जाना सरकार का एक अच्छा फैसला है.