Lata Mangeshkar: लता मंगेशकर ने कभी नहीं लिया इस डायरेक्टर की फिल्म में गाने का पैसा, गाए दर्जनों गाने
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Lata Mangeshkar: लता मंगेशकर ने कभी नहीं लिया इस डायरेक्टर की फिल्म में गाने का पैसा, गाए दर्जनों गाने

Lata Mangeshkar Songs: लता मंगेशकर हिंदी पार्श्वगायन की सबसे शानदार आवाजों में थीं. उनका कोई मुकाबला नहीं था. करीब पांच दशक तक वह गीत गाती रहीं और इस दौरान उन्हें खूब सम्मान मिला. लेकिन इसी इंडस्ट्री में ऐसे लोग भी थे, जिन पर लता की खूब श्रद्धा थी. निर्देशक हृषिकेष मुखर्जी से उन्होंने फिल्मों में गाने के लिए कभी एक पैसा नहीं लिया. जानिए क्या थी पूरी बात...

 

Lata Mangeshkar: लता मंगेशकर ने कभी नहीं लिया इस डायरेक्टर की फिल्म में गाने का पैसा, गाए दर्जनों गाने

Lata Mangeshkar Fees: भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे शानदार गायिका और भारत रत्न लता मंगेशकर सिर्फ असाधारण कलाकार ही नहीं थीं, बल्कि उतनी ही असाधारण इंसान थीं. बॉलीवुड का ऐसा कोई दिग्गज नहीं था, जिसके मन में उनके लिए सम्मान नहीं था. लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) भी सबका सम्मान करती थीं. परंतु कुछ लोगों के लिए उनके मन में श्रद्धा थी. इन्हीं में थे, फिल्ममेकर हृषिकेश मुखर्जी (Hrishikesh Mukherjee). लता मंगेशकर, हृषिकेश मुखर्जी से उनकी पहली फिल्म मुसाफिर से जुड़ी थीं. हालांकि लता 1947 से फिल्मों में गा रही थीं, लेकिन मुसाफिर 1958 में बनी. लता स्थापित गायिका थीं, परंतु उन्होंने हृषिकेश मुखर्जी से फिल्म में गाने का कोई पैसा नहीं लिया.

अवतार नहीं, साक्षात सरस्वती
सिर्फ पहली फिल्म की बात नहीं है, खुद हृषिकेश मुखर्जी ने बाद के दिनों अपने साक्षात्कारों में यह बात बताई कि लता ने उनकी अनेक फिल्मों में दर्जनों गाने गाए, परंतु कभी एक पैसा नहीं लिया. हृषिकेश मुखर्जी उम्र में लता मंगेशकर से बड़े थे और वह उनका बहुत सम्मान करती थीं. हृषिकेश मुखर्जी कहते थे कि लोग लता को सरस्वती माता का अवतार कहते हैं. मैं उन्हें साक्षात सरस्वती मानता हूं. वह मानते थे कि लता के एक गाने की गलती भी, इंडस्ट्री के तमाम गाने वालों से कहीं सही होती है. इस महान निर्देशक ने अपने लिविंग रूम में सिनेमा की जिन हस्तियों की तस्वीरें लगा रखी थीं, उनमें सबसे बड़ी और सबके बीच में लता की तस्वीर फ्रेम में जड़ी थी. लता, ऋषिकेश मुखर्जी की लगभग हर फिल्म का हिस्सा थीं. मुसाफिर से लेकर अनुपमा, सत्यकाम, अभिमान, चुपके चुपके, मिली से लेकर गोलमाल तक.

जया बच्चन ने माना...
हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म अभिमान गायक पति-पत्नी की कहानी थी। इसमें निर्देशक ने हीरोइन जया बच्चन (Jaya Bachchan) को पूरी तरह से लता मंगेशकर का अंदाज दिया था. जया बच्चन भी स्वीकारती हैं कि जब उन्होंने फिल्म साइन की तो वह लता मंगेशकर की गानों की रिकॉर्डिंग के बीच में जाकर उन्हें काम करते देखती थीं. उनकी बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के हाव-भाव पढ़ती थीं. वह बताती हैं कि उन्होंने इस फिल्म में अपने किरदार के लिए लता मंगशकर को फॉलो किया. रोचक बात यह है कि हृषिकेश मुखर्जी की पहली फिल्म मुसाफिर में लता ने फिल्म के हीरो दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के साथ एक गीत गाया था, लागी नहीं छूटे रामा... चाहे जिया जाए. इस गाने की रिकॉर्डिंग के समय दिलीप कुमार ने एक ऐसी बात कह दी, जिससे लता नाराज हो गईं. इतनी नाराज हुईं कि 13 साल तक उन्होंने दिलीप कुमार से बात नहीं की.

 

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