Birthday: आलोक नाथ को बॉलीवुड से पहले हॉलीवुड की फिल्म में मिला था ब्रेक
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Birthday: आलोक नाथ को बॉलीवुड से पहले हॉलीवुड की फिल्म में मिला था ब्रेक

आलोक नाथ बॉलीवुड के शायद पहले ऐसे कलाकार हैं जिन्हें मुंबई जाने से पहले ही हॉलीवुड फिल्म में काम करने का मौका मिला था.

Birthday: आलोक नाथ को बॉलीवुड से पहले हॉलीवुड की फिल्म में मिला था ब्रेक

नई दिल्ली: आलोक नाथ (Alok Nath) फिल्मों का ऐसा चर्चित चेहरा जिन्होंने फिल्मों में पिता का किरदार या सच्चे, सीधे और ईमानदार व्यक्ति का किरदार निभाकर काफी सुर्खियां बटोरी हैं. आलोक नाथ का जन्म 10 जुलाई 1956 को हुआ था. आलोक नाथ बॉलीवुड के शायद पहले ऐसे कलाकार हैं जिन्हें मुंबई जाने से पहले ही हॉलीवुड फिल्म में काम करने का मौका मिला था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत भी इस फिल्म से की थी. यह फिल्म भी हॉलीवुड के महान निर्देशक रिचर्ड एटनबर्ग की थी.  रिचर्ड एटनबर्ग  महान फिल्म 'गांधी' में आलोक ने कुछ मिनटों का रोल किया था. इस फिल्म में अमरीश पुरी उनके पिता बने थे. इस फिल्म ने आलोक को रुपहले पर्दे पर पहचान दी थी. 

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आलोक के अनुसार जब मैंने दिल्ली में हिंदू कॉलेज जॉइन किया था, उस समय मैं कॉलेज थिएटर में काफी एक्टिव था. कॉलेज के बाद मैंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा को ज्वाइन किया. वहां मैंने 3 साल व्यतीत किए ,मैं छुट्टियों में भी टीवी और सीरियल करता था. 1980 में जब एनएसडी में मेरा आखिरी साल था, उस दौरान बंबई से डॉली ठाकोर हमारे संस्थान आई थी. डॉली ने कहा कि वे रिचर्ड एटनबर्ग की फिल्म ‘गांधी’ के लिए कुछ कैरेक्टर रोल्स की तलाश में है. हमें कहा गया था कि हम नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं इसलिए हम बन-ठन के ऑडिशन के लिए पहुंच गए.  

रिचर्ड एटनबर्ग ने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा, मानो वो कोई घोड़ा खरीदने आए हों. मुझे उनकी तरफ से कोई ऐसी प्रतिक्रिया नहीं मिल रही थी, जिससे मुझे अंदाजा हो सके कि वो मुझे पसंद करते हैं या नहीं. इस वजह से मैं अंदर से डर रहा था और कांप भी रहा था. इसके बाद उन्होंने कहा कि ‘डॉली ये ठीक है.  फिर डॉली मुझे एक कमरे में ले गई और उन्होंने मुझे रोल के बारे में बताया. डॉली ने कहा कि तुम्हें साइन कर लिया गया है. तुम्हारे कैरेक्टर का नाम तैयब मोहम्मद होगा. तुम गांधी के एक सहायक होंगे. 

फीस सुनकर रह गया था भौचक्का, घर वाले भी हुए शॉक
उन्होंने मुझसे पूछा कि आप कितना चार्ज करेंगे तो मैं सोचने लगा. दरअसल उस जमाने में किसी प्ले के लिए 10 दिन रिहर्सल करने पर आपको 60 रुपए मिलते थे. मुझे समझ नहीं आया कि मैं कैसे उन्हें कहूं कि मैंने कोई फिल्म पहले नहीं की है और मुझे सिर्फ 60 रुपए मिलते हैं  तो आप कुछ 100 के आसपास रुपए  दे देना. मुझे शांत देखकर आखिरकार डॉली ने ही कहा - चलो ठीक है, 20 फाइनल करते हैं, ओके ? मैं एकदम सकते में आ गया. थियेटर में 60 रुपए  और हॉलीवुड फिल्म के लिए महज 20 रुपए ? फिर उन्होंने कहा तो ठीक है, 20 हज़ार में हम डील पक्की समझें? ये रहा आपका एडवांस और आप इस फिल्म में काम कर रहे हैं. मैं भौचक्का रह गया. मैंने जाते ही वो पैसे अपनी मां को दे दिए, मेरे घरवाले भी शॉक में थे.  मेरी मां ने कहा अच्छा हुआ तू अपने पिता की तरह डॉक्टर नहीं बना क्योंकि इन्हें तो एक साल में भी 10 हजार रुपए नहीं मिलते. मेरे लिए वो काफी हैरानी भरा समय था. 

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