Anurag Kashyap: फिल्ममेकर अनुराग कश्यप अक्सर ही अपने बेबाक बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. हाल ही में उन्होंने पूरे बॉलीवुड को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड अच्छी कहानियों की बलि दे रहा है.
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Anurag Kashyap On Bollywood: हिंदी सिनेमा को कई शानदार फिल्में और वेब सीरीज देने वाले फिल्ममेकर अनुराग कश्यप हमेशा अपने बेबाक बयानों को लेकर खबरों में बने रहते हैं. अनुराग कश्यप ऐसा कोई मौका और मुद्दा नहीं छोड़ते, जिसको लेकर वो अपनी बात बेबाकी के साथ न रखते हों. यहां तक कई वो कई बार बॉलीवुड और बॉलीवुड एक्टर्स को लेकर भी खुलकर बात कर रहे हैं, जिनको सुनने के बाद हर कोई हैरान रह जाता है. हाल ही में ऐसा ही कुछ एक बार फिर से हुआ है.
अनुराग कश्यप हाल में पूरे बॉलीवुड को लेकर एक ऐसा बड़ा बयान दे दिया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है. उन्होंने ये दावा किया कि आज के समय में बॉलीवुड अच्छी कहानियों की बलि दे रहा है और बस पैसे कमाने पर ध्यान दे रहा है. हाल ही में एक इंटरव्यू में भी फिल्म निर्माता ने दावा किया कि बॉलीवुड का पूरा ध्यान 500 करोड़ रुपये कमाने पर है, न कि अच्छी फिल्में बनाने पर. फिल्ममेकर हाल में ह्यूमन्स ऑफ सिनेमा के चैनल पर नजर आए, जहां उन्होंने बॉलीवुड को लेकर कई सारी बातें की.
बॉलीवुड पर खुलकर बोले अनुराग कश्यप
अनुराग कश्यप ने कहा, 'मैंने अक्सर देखा है कि सफलता जितना जन्म देती है, उससे कहीं ज़्यादा बर्बाद कर देती है. जब 'सैराट' ने 100 करोड़ रुपये कमाए, तो मैंने नागराज मंजुले, जो मेरे दोस्त हैं, से कहा कि मराठी सिनेमा अब खत्म हो गया है, क्योंकि अब कोई भी कहानी नहीं बताना चाहेगा, वे 100 करोड़ रुपये कमाना चाहेंगे'. फिल्म निर्माता ने तर्क दिया कि बॉलीवुड अच्छी कहानियों को छोड़ रहा है और पूरे भारत में चल रहे चलन की नकल कर रहा है. उन्होंने कहा, 'हमारे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के साथ समस्या यह है कि वे अब 500 से 800 करोड़ रुपये कमाना चाहते हैं, फिल्में बनाना नहीं.
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अच्छी कहानी नहीं पैसे बनाने पर है ध्यान
अनुराग कश्यप ने आगे कहा, 'इसके लिए, आपको सबसे पहले अपनी फिल्मों को कमजोर करना होगा, अपनी कहानी को छोड़ना होगा और ऐसा नहीं है कि ये कोई मूल आवाज है; सभी एक फ़ॉर्मूले का पालन करते हैं और एक-दूसरे की नकल करते हैं'. फिल्ममेकर ने कहा, 'अब हर कोई अखिल भारतीय चलन की नकल कर रहा है। अगर आप 10 अखिल भारतीय फिल्में देखेंगे, तो सभी एक जैसी दिखेंगी. इससे इंडस्ट्री को कभी फायदा नहीं होगा, क्योंकि उसके बाद फिल्में बड़ी संख्या में फ्लॉप होने लगेंगी. एक या दो फिल्में चलेंगी, फिर हर कोई उनकी नकल करेगा और फिर सब कुछ फ्लॉप हो जाएगा'.