GK: इस देश में होता है 13 महीने का एक साल, यहां के लोग आज भी 2016 में जी रहे
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GK: इस देश में होता है 13 महीने का एक साल, यहां के लोग आज भी 2016 में जी रहे

GK Quiz: दुनिया से करीब 7 साल पीछे चल रहे इस देश में नया साल 1 जनवरी की बजाए 11 सितंबर को मनाया जाता है.

GK: इस देश में होता है 13 महीने का एक साल, यहां के लोग आज भी 2016 में जी रहे

General Knowledge: आज जहां पूरी दुनिया साल 2023 में जी रही है, वहीं दुनिया का एक ऐसा देश भी है, जो पूरी दुनिया से करीब 7 साल पीछे चल रहा है. जहां पूरी दुनिया में साल 2023 करीब आधे से ज्यादा खत्म बीत चुका है, वहीं वो देश आज भी 2016 में जी रहा है. लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आखिर वो कौन सा देश है और वो आज भी पूरे विश्व में सभी देशों के मुकाबले 7 साल पीछे क्यों चल रहा है? अगर नहीं, तो आइये आज हम आपको बताते है कि आखिर इसके पीछे क्या वजह है.

इस देश में 13 महीनों का होते है एक साल
दरअसल, हम जिस देश की बात कर रहे हैं, वो अफ्रीका महाद्वीप में बसा है. अफ्रीका महाद्वीप में बसे इस देश का नाम इथियोपिया है. इस देश का कैलेंडर दुनिया से करीब 7 साल, 3 महीने पीछे चलता है. इसके अलावा इस देश में एक साल में 12 महीने के बजाय 13 महीने होते हैं. इस देश की कुल जनसंख्या लगभग 85 लाख से ज्यादा है, लेकिन इस देश को आबादी के मुताबिक, यह देश अफ्रीका का दूसरे सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है.

यहां 1 जनवरी को नहीं मनाया जाता नया साल
इथियोपिया आज भी ग्रेगोरियन कैलेंडर को फॉलो करता है, जो पूरी दुनिया में इस्तेमाल किए जाने वाले जुलियस सीजर के कैलेंडर से लगभग 7 साल 3 महीने पीछे है. इसलिए इथियोपिया में नया साल भी 1 जनवरी की बजाए 11 सितंबर को मनाया जाता है. बता दें कि पूरी दुनिया में ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत 1582 में हुई थी, इससे पहले जूलियन कैलेंडर का इस्तेमाल हुआ करता था.

इसलिए आज 7 साल पीछे है यह देश
हालांकि, जब नया कैलेंडर आया तो सभी देशों ने इस अपना लिया. लेकिन कई देश इसका विरोध कर रहे थे. इनमें इथियोपिया भी एक था. इथियोपिया में रोमन चर्च की छाप रही है. यानी इथियोपियन ऑर्थोडॉक्स चर्च मानता रहा कि ईसा मसीह का जन्म 7 BC में हुआ था और इसी के अनुसार कैलेंडर की गिनती शुरू हुई. वहीं, दुनिया के बाकी देशों में ईसा मसीह का जन्म AD1 में बताया गया है. यही वजह है कि इथियोपिया का कैलेंडर अब भी 2016 में अटका हुआ है, जबकि तमाम देश 2023 में जी रहे हैं.

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