एक्सप्लेनर: सेंट स्टीफन में एडमिशन प्रक्रिया के खिलाफ छात्रों ने शुरू किया आंदोलन, जानें वजह
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एक्सप्लेनर: सेंट स्टीफन में एडमिशन प्रक्रिया के खिलाफ छात्रों ने शुरू किया आंदोलन, जानें वजह

इंटरव्यू में पास होने पर ही उसे एडमिशन दिया जाएगा. विवि की तरफ से 85 प्रतिशत वरीयता सीयूईटी के अंकों को दी जाएगी. जबकि 15 प्रतिशत वरीयता इंटरव्यू को दिया जाएगा.

 

एक्सप्लेनर: सेंट स्टीफन में एडमिशन प्रक्रिया के खिलाफ छात्रों ने शुरू किया आंदोलन, जानें वजह

नई दिल्ली. दिल्ली यूनिवर्सिटी के संघटक कॉलेज सेंट स्टीफन में एडमिशन की प्रक्रिया को लेकर बवाल मच गया है. इसको लेकर छात्र आंदोलन पर उतर आए हैं और एडमिशन के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया को हटाने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर ये छात्र आंदोलन क्यों कर रहे हैं और विरोध की वजह क्या है?

ये है वजह
सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में इस बार प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट आयोजित किया जा रहा है. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 6 मई तक किए जाएंगे. वहीं, एग्जाम जुलाई के पहले सप्ताह में संभावित हैं. सीयूईटी के आने से दिल्ली विवि में भी इस बार 12वीं की मेरिट के बजाय सीयूईटी के स्कोरकार्ड से प्रवेश दिया जाएगा.

सेंट स्टीफन, दिल्ली विवि का संघटक कॉलेज है. इस कॉलेज में 50 प्रतिशत सीटें क्रिश्चियन समुदाय यानि ईसाईयों के लिए आरक्षित हैं. ऐसे में कॉलेज ने यूजी कोर्सेज में प्रवेश के लिए इंटरव्यू भी लागू कर दिया है. यानि कि अगर छात्र सीयूईटी की परीक्षा पास करता है तो उसे इंटरव्यू में शामिल होना होगा. 

इंटरव्यू में पास होने पर ही उसे एडमिशन दिया जाएगा. विवि की तरफ से 85 प्रतिशत वरीयता सीयूईटी के अंकों को दी जाएगी. जबकि 15 प्रतिशत वरीयता इंटरव्यू को दिया जाएगा.

छात्रों की ये मांग
छात्रों का आरोप है कि कॉलेज सीयूईटी के बाद इंटरव्यू को शामिल करके तानाशाही रवैया अपना रहा है. कॉलेज के इस रवैए से ग्रामीण पृष्ठभूमि और गरीब परिवार से आने वाले छात्रों को नुकसान होगा.

छात्रों का यह भी कहना है कि कॉलेज की तरफ ऐसा इसलिए लिया किया जा रहा है, ताकि चुनिंदा कुलों और परिवारों के विशेषाधिकार को बनाए रखा जाए. यह पूरी तरह से दयनीय है और शिक्षा में विशेषाधिकार समाप्त करने के खिलाफ ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जैसे ऐतिहासिक संघर्षों के विपरीत है.

 

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